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ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष ने पूजा-अर्चना के दावे पर उठाए सवाल

by City Headline

वाराणसी

ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के वकील अभय नाथ यादव ने गुरुवार को जिला जज की अदालत में मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने वाली पांच महिलाओं के दावे पर सवाल उठाए हैं। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में वाद की योग्यता पर पहले दिन की सुनवाई दो घंटे सात मिनट तक चली।

वादी पक्ष के दावे में उल्लिखित 52 बिंदुओं में 12 पर प्रतिवादी पक्ष के वकील ने दलील दी है। मुकदमे की अगली सुनवाई की तारीख 30 मई तय की गई है। इस दिन भी मुस्लिम पक्ष के तर्क सुने जाएंगे। वकील अभय नाथ यादव ने शुरू में ही पूजा स्थल (विशेष प्रविधान) कानून 1991 के उपबंधों का हवाला देते हुए कहा कि यह वाद सुनवाई योग्य नहीं है। इसके बाद उन्होंने दावे में दर्ज बिंदुओं पर क्रमवार आपत्ति जताई है।

इस दौरान कुछ एक बार वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना तर्क देने का प्रयास किया। इसे लेकर दोनों ओर से तीखी बहस होने लगी तो जिला जज ने आपत्ति जताते हुए प्रतिवादी पक्ष को बोलने का मौका दिया। मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने अपनी दलीलों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक के कुछ फैसलों को नजीर के तौर पर पेश किया है।

दो बजे से शुरू सुनवाई शाम चार बजे के बाद भी जारी रहने पर जिला जज ने अग्रिम सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख तय कर दी। मंदिर पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु जैन के साथ सुधीर त्रिपाठी मौजूद रहे। वहीं मस्जिद पक्ष की ओर से मुमताज अहमद, रईस अहमद अंसारी, मो. तौहीद खान रहे।

प्रतिवादी पक्ष के प्रमुख तर्क

-पांच महिलाओं के वाद में विरोधाभास है
-मस्जिद परिसर की भूमि की चौहद्दी स्पष्ट नहीं है
-शृंगार गौरी की वर्तमान स्थिति मस्जिद से बाहर है
-बनावट के लिहाज से मंदिर पर नहीं बनी मस्जिद
-सैकड़ों साल से मस्जिद में हो रही इबादत
-शृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा-अर्चना बाहर हो, कोई आपत्ति नहीं
-परिसर स्थित देवी-देवताओं के विग्रह सुरक्षित हैं, मांग निरर्थक
-मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा मंदिर को नुकसान पहुंचाने की बात गलत
-आदि विश्वेश्वर मंदिर के हिस्से पर नहीं कराया गया मस्जिद का निर्माण

मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने बताया कि अदालत में मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, इस पर मैंने अदालत में अपना पक्ष रखा। दलील के समर्थन में कई नजीरें अदालत में पेश कीं। अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई है। 30 मई को भी अपनी बात रखी जाएगी।

वहीं मंदिर पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन के अनुसारन अभी तो प्रतिवादी पक्ष अपनी बात अदालत के समक्ष रख रहा है। उनकी बात पूरी होने के बाद हम अपना पक्ष अदालत के सामने रखेंगे। बिंदुवार जवाब दिया जाएगा।

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