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ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में 26 मई को होगी पोषणीयता पर सुनवाई

by City Headline

वाराणसी

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में सबसे पहले मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई होगी। यह आदेश जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने मंगलवार को दिया। इसके लिए उन्होंने 26 मई की तिथि तय की है। साथ ही एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट की प्रति मंदिर और मस्जिद पक्ष को देने आदेश दिया है। इस पर आपत्ति के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इस मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए हिंदू सेना ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है।

जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने को कहा था। ऐसे में आवश्यक है कि प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के प्रार्थना पत्र का पहले निस्तारण किया जाए। इसके बाद अन्य प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होगी। इससे पहले सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने 19 मई 2022 को कमीशन रिपोर्ट पर पक्षकारों से आपत्तियां आमंत्रित की थीं। उक्त आदेश वर्तमान में प्रभावी है। दोनों पक्ष सात दिन में आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं।

ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के नाम से एक और मुकदमा दाखिल किया गया है। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। सबके सामने प्रकट हो चुके भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योर्तिलिंग का पूजन-अर्चन शुरू करने की अनुमति दी जाए। अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 25 मई की तिथि तय की है।

ज्ञानवापी प्रकरण में चल रहे मुकदमे में पक्षकार बनने के लिए नई दिल्ली के सरिता विहार के अली गांव निवासी हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि वह सामाजिक कार्यकर्ता और सनातन धर्म को मानने वाले हैं।

वहीं मस्जिद पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने कहा कि हमारी मांग थी कि पहले मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई हो। सुप्रीम कोर्ट का भी यही निर्देश था। अदालत की ओर से इसे स्वीकार किया गया है। यह बिल्कुल विधि सम्मत है। इसका हम स्वागत करते हैं।

मंदिर पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि अदालत ने पहले मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है। अन्य प्रार्थना पत्र पर इसके बाद सुनवाई होगी। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट पर भी आपत्ति का समय तय किया गया है। हम इसके लिए अपनी तैयारी कर रहे हैं।

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