वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे तीसरे दिन आज पूरा हो गया और शिवलिंग मिलने का बड़ा दावा किया गया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सरकार को घेरा है। महबूबा ने कहा कि हमें उन सभी मस्जिदों की लिस्ट दें दें, जिन पर आपकी नजर है। वहीं, ओवैसी ने कहा कि
PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बाबरी में तो कुछ भी साबित नहीं हुआ है। अब ये लोग ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे पड़ गए हैं। इन्हें मस्जिद में ही भगवान मिलते हैं। आखिरकार वो हमारी मस्जिदें हैं। हमें उन सभी मस्जिदों की लिस्ट दें, जिन पर आप नजर रख रहे हैं। हम तो जहां सजदा करते हैं हमारा अल्लाह वहीं है। उन्होंने सवाल किया कि जब वे हमारा सब कुछ ले लेंगे, तो क्या सब बंद हो जाएगा?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो किया उसे अब बेचा जा रहा है। मौजूदा सरकार सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करके देश में नफरत फैलाना चाहती है। ये सरकार रोजगार नहीं दे पाई. हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने वाले वादे का क्या हुआ। देश में 50% पर्यटन मुगलों की वजह से है। भाजपा देश में पर्यटन क्षेत्र को खत्म कर देना चाहती है। उन्होंने आगे कहा, हमने कश्मीरी पंडितों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाया है। साल 2010, 2016 में राज्य में अशांति के दौरान भी कोई हत्या नहीं हुई है। कश्मीर फाइल्स फिल्म ने इन घटनाओं को हवा दी है। ये लोग अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पैदा कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में देश में नफरत को जन्म दे रही हैं और इसे रोका जाना चाहिए। फिल्म 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर केंद्रित है। फारूक अब्दुल्ला का बयान जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में कश्मीरी पंडित राहुल भट की हालिया हत्या के संबंध में आया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाने के लिए हमने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की है। बैठक में मैंने उनसे कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने देश में नफरत पैदा की है। क्या यह संभव है कि एक मुसलमान ने एक हिंदू को मार डाला, उसका खून चावल में डाल दिया और उसकी पत्नी को खाने के लिए कहा? ऐसी चीजें (फिल्में) बंद होनी चाहिए। नफरत फैलाने वाली मीडिया बंद होनी चाहिए। देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल कश्मीर में मुस्लिम युवाओं में गुस्से को जन्म दे रहा है।