सहारनपुर
जमीयत सम्मेलन के दूसरे दिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के इजलास में दूसरे दिन काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की ईदगाह के संबंध में अहम प्रस्ताव पारित किए गए। दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मुफ्ती राशिद आजमी ने प्रस्ताव पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में जमीयत का अहम योगदान रहा है।
कहा कि जिस समय देश पर अंग्रेज काबिज हुए उस समय लग रहा था कि गोरे सभी इबादतगाहों को खत्म कर देंगे। लेकिन न तो उस समय इबादतगाहों का कुछ बिगड़ सका और न ही आज धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग इबादतगाहों को खत्म करने की जहनियत रखते हैं, उनके घरों को अल्लाह खुद खाक में मिला देगा। बोले, हमारी इबादतगाहों को न कोई खत्म कर सका है और न ही आगे कर पाएगा।
कामन सिविल कोड के खिलाफ भी सम्मेलन में प्रस्ताव रखा गया। जिसका समर्थन सांसद मौलाना बदरूद्दीन अजमल ने किया। अजमल ने भी देश के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए जमीयत के कार्यों की प्रशंसा की। कार्यक्रम में दारुल उलूम वक्त के महत्व मौलाना सुफियान कासमी ने भी विचार रखें।