वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में जुमे की नमाज के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। ज्ञानवापी की तरफ लगातार बढ़ती भीड़ को पुलिस वापस लौटा दी है। मैदागिन चौराहे से पुलिस ने नमाजियों को वापस लौटा दिया। पुलिस ने कहा कि अपने घर के आस-पास या मुहल्ले की मस्जिद में नमाज अदा कर लें।
इससे पहले मस्जिद प्रबंधन ने कम से कम लोगों को परिसर में आने की अपील की थी। लेकिन आज शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर भीड़ अचानक बढ़ गई है। वहीं सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इससे पहले डीएम कौशल राज शर्मा ने मस्जिद कमेटी और मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ मिलकर बैठक की थी। जिसमें शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
इसके साथ ही मस्जिद में वजू के पानी के दो ड्रम भरकर रखने की इजाजत दी गई है ताकि वजू में कोई दिक्कत न हो। डीएम की ओर से मस्जिद कमेटी को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है कि जिसमें कहा गया है कि कोई भी सील किए गए परिसर में जाने की कोशिश न करे और न ही परिसर को सील करने के लिए लगाए गए नौ तालों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करे।
शुक्रवार की नमाज के दौरान किसी भी तरह की भड़काऊ बयानबाजी न हो। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील हुफैजा अहमदी की दलील सुनने के बाद कहा कि अहमदी जी हम जो भी सुझाव दे रहे हैं वो आपके पक्ष में ही हैं। कोर्ट ने इस दौरान तल्ख लहजे में कहा कि 1991 के कानून के तहत केस की वैधता तय की जाएगी तो फिर मुश्किल होगी।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील सुप्रीम कोर्ट में लगातार पूजा स्थल कानून 1991 के उल्लंघन की बात करते आये हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीन महत्वपूर्ण बातें कहने के साथ ही प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला भी दिया।