नई दिल्ली । जंतर-मंतर पर किसान संगठनों द्वारा आयोजित एक दिन की महापंचायत सोमवार की शाम को खत्म हुई। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) ने घोषणा की है कि उन्होंने सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया है और यदि इस अवधि में उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन तेज हो सकता है। इसी के साथ किसानों के नेता शिवकुमार कक्का ने जानकारी दी कि मंगलवार को रकाबगंज गुरुद्वारे में किसान मोर्चे की बैठक होगी जहां किसान नेता आगे की रणनीति बनाएंगे।
किसान संगठनों ने आज लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीडि़त किसान परिवारों को इंसाफ दिलाने और जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग की। उनकी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन आयोग के सी2+50प्रतिशत (खेती की लागत की गणना के सी2 फॉर्मूले में किसानों को 50प्रतिशत रिटर्न देने के लिए पूंजी की लागत और भूमि पर लगान शामिल है। इसमें एक संकीर्ण उपाय जो एक किसान द्वारा किए गए सभी भुगतान की गई लागत और मूल्य को ध्यान में रखता है।) फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए. देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए। बिजली बिल 2022 रद्द करने की भी मांग की। गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरंत करने की मांग की। भारत डब्लूटीओ से बाहर आए और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए। किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान तुरंत किया जाए। अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग को लेकर आज किसानों ने महापंचायत की।