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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री! कहा- रियल मास्टर के पास जाने का आ गया समय, बिहार से होगी शुरुआत

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की कांग्रेस (Congress) के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत विफल होने के बाद राजनीति में एंट्री होने जा रही है. इसके उन्होंने सोमवार को संकेत दे दिए हैं. उनका कहना है कि वह जनता की अदालत में जाने के लिए तैयार हैं. इसकी शुरुआत उनके गृह राज्य बिहार से होगी. दरअसल, पीके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिलने वाले हैं. उन्होंने पिछले साल बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आमजन से वादा किया था कि वह दो मई 2022 को अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे.

प्रशांत किशोर ने आज ट्वीट किया, “लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी तलाश ने 10 साल के रोलरकोस्टर (उतार-चढ़ाव) की सवारी का नेतृत्व किया! मुद्दों और “जन सुराज” के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है.”

पिछले हफ्ते प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया था. किशोर ने कांग्रेस को पार्टी में सुधार करने और आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के लिए सुझाव दिए थे, जिसके बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किशोर के सुझावों पर विचार के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर मंथन करने के बाद फैसला किया था कि पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के मकसद से एक विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह- 2024 का गठन किया जाएगा.

प्रशांत किशोर ने किए कई सफल चुनावी अभियान

प्रशांत किशोर मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखते हैं. अगर वह अपनी नई पार्टी बनाते हैं या फिर किसी और दल को ज्वॉइन करते हैं तो वह दूसरी बार सक्रिय राजनीति में कदम रखेंगे. इससे पहले, वह कुछ समय के लिए जनता दल (यूनाइटेड) से जुड़े थे, हालांकि बाद में इससे अलग हो गए. ऐसा फिर से माना जा रहा है कि उनकी जेडीयू में दोबारा से एंट्री हो सकती है, लेकिन यह सब फिलहाल अटकलें ही हैं. प्रशांत किशोर पिछले करीब एक दशक से चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सफल चुनावी अभियान किया था. इसके बाद वह सुर्खियों में आ गए थे.

उन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद-जद(यू)-कांग्रेस के महागठबंधन की चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में द्रमुक के लिए काम किया था. इन चुनाव अभियानों में भी वह सफल रहे थे. हालांकि, 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बतौर चुनावी रणनीतिकार उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी.

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