गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में सिस्टम में सुधार के साथ इस साल आय में काफी वृद्धि देखी गई है। जीडीए ने इस साल 732 करोड़ रुपये की आय हासिल की है, जो पिछले सालों की तुलना में काफी बेहतर है। सबसे अधिक आय नक्शे पास करने से हुई है, जबकि संपत्तियों की नीलामी से भी अच्छी खासी रकम प्राप्त हुई है। जीडीए के वीसी अतुल वत्स का कहना है कि अगले वित्तीय वर्ष तक यह आय एक हजार करोड़ रुपये से अधिक पहुंचने का अनुमान है। मास्टरप्लान लागू होने के बाद नक्शों के पास होने की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
नक्शों से हुई 320 करोड़ रुपये की आय:
इस साल जीडीए ने नक्शे पास करके 320 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इनमें आवासीय, ग्रुप हाउसिंग और कमर्शल नक्शे शामिल हैं। जीडीए ने नक्शों के पास होने में लगने वाली देरी को कम किया है, जिससे लोगों की शिकायतों में भी कमी आई है। मानचित्र समाधान दिवस के माध्यम से अब आपत्तियों का निस्तारण तेज़ी से किया जा रहा है।
नीलामी से 288 करोड़ रुपये की आय:
इस साल जीडीए ने संपत्तियों की नीलामी के माध्यम से 288 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। इसमें आवासीय, कमर्शल और अन्य भूखंडों की नीलामी शामिल है। जीडीए ने सर्वे और अन्य तरीकों से खाली पड़े भूखंडों का पता लगाया और उन्हें नीलामी के लिए रखा। आने वाले दिनों में जीडीए इंदिरापुरम और अन्य क्षेत्रों में छोटे भूखंडों की नीलामी करने की योजना बना रहा है, जिससे आय में और वृद्धि हो सकती है।
शमन शुल्क से आय में कमी:
पिछले कुछ सालों में शमन शुल्क के माध्यम से जीडीए को लगभग 200 करोड़ रुपये की आय होती थी, लेकिन इस साल हाई कोर्ट के आदेश पर करीब 6 महीने तक शमन शुल्क पूरी तरह से बंद रहा। जब इसे फिर से शुरू किया गया, तो केवल 10 फीसदी नक्शे के विपरीत निर्माणों को शुल्क देकर शमन किया गया। इससे जीडीए को इस साल केवल 23 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए। अन्य मदों से जीडीए को 102 करोड़ रुपये की आय हुई।