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कुछ देर में पेश होगा संशोधन बिल, मनोज झा बोले- किसान कानूनों जैसा होगा हाल

by Mansi

2 अप्रैल यानी आज केंद्र सरकार लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 को पेश करने के लिए तैयार है. सरकार ने इस बिल पर चर्चा करने का फैसला लिया है, जबकि विपक्ष ने इस बिल का विरोध करने का ऐलान किया है और वह विपक्ष वॉकआउट नहीं करेगा. विपक्षी दलों का कहना है कि सभी इंडिया ब्लॉक पार्टियां इस बिल को ‘विफल’ करने के लिए एकजुट हैं. विपक्ष इसे असंवैधानिक और मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ मानता है.

माइनॉरिटी अफेयर्स मंत्री किरेन रिजिजू इस बिल को संशोधनों के साथ पेश करेंगे और इसके बाद सदन में इस पर बहस होगी. बहस के दौरान, रिजिजू सदन को संबोधित करेंगे और फिर बिल को पारित करने के लिए वोटिंग कराएंगे. यह बिल पिछले साल पेश किया गया था और इसके बाद इसे एक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था. अब यह बिल लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा.

करीब 40 बदलाव करना चाहती है सरकार

विधेयक 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना है. केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में करीब 40 बदलाव करना चाहती है. एक अहम बदलाव वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश हो सकता है.  इसका मकसद महिलाओं और अन्य मुस्लिम समुदाय की सहभागिता को बढ़ाना है. साथ ही नए बिल में बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाया जा सकता है.

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विधेयक पर चर्चा और उसके बाद उसे मंजूरी मिलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा निचले सदन में एनडीए की संख्यात्मक श्रेष्ठता का दावा करने के लिए शक्ति प्रदर्शन के अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है.

कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदम्बरम ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी मसला नहीं है, बल्कि आस्था और धर्म से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा है। वक्फ भूमि वह संपत्ति है जिसे धार्मिक उद्देश्यों के लिए स्वेच्छा से दान किया गया है।

चिदम्बरम का कहना था कि सरकार को इस संवेदनशीलता को समझना चाहिए और इसे सम्मान देना चाहिए। वह यह भी कहते हैं कि कानून को केवल बहुमत के आधार पर पास नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसके पीछे के पहलुओं और वक्फ संपत्तियों की पृष्ठभूमि को सही तरीके से समझा जाए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक को सिर्फ इसलिए पास कराना चाहती है क्योंकि उनके पास संसद में बहुमत है, और वे अपने वोट बैंक को एक संदेश देना चाहते हैं, जो कि इस मुद्दे की बारीकियों को नहीं समझते। चिदम्बरम का यह भी कहना था कि वक्फ सिर्फ किसी भी भूमि पर दावा नहीं कर सकता, जैसा कि कुछ लोग मानते हैं।

यह बयान इस बात को लेकर गंभीर चिंताओं को दर्शाता है कि विधेयक के संभावित प्रभावों को ठीक से समझे बिना इसे पारित किया जा सकता है, जिससे संवेदनशील धार्मिक मुद्दों को अनदेखा किया जा सकता है।