लखनऊ
कई लोगों की जान जाने और घायल होने के बावजूद नादरगंज सीएनजी पंप के पास पांच साल से खुला पड़ा नाला पाटा नहीं जा सका है। यह केवल एक नाला नहीं, प्रशासनिक लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है। नगर निगम और सरोजनीनगर तहसील के लापरवाही यहां साफ दिखती है। सड़क और सर्विस लेन पर जाम होने के कारण जब लोग किनारे से निकलते हैं तो अक्सर इसमें गिरने से चोटिल हो जाते हैं।
सुबह 10 बजे बंथरा निवासी स्कूटी सवार शंभू और उन्नाव निवासी अधिवक्ता सुमित मिश्रा नाले से एक मीटर की दूरी पर चल रहे हैं। शंभू स्कूटी से और सुमित कार से हैं। दायें कटे तो किसी ट्रक की चपेट में आ सकते हैं और बायें स्कूटी मोड़ी तो कीचड़ में फिसलकर नाले में गिर सकते हैं। जैसे तैसे शंभू नादरगंज पार करके चिल्लावां बाजार पहुंचे तो राहत की सांस ली। अधिवक्ता सुमित नवाबगंज के रहने वाले हैं।
आलमबाग में उनका मकान है। वह बताते हैं कि सीएनजी पंप और नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया मोड़ पर पीक आवर में जाम लगने पर यहां रोज ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पांच साल में भी नहीं पाटा जा सका है। आठ फीट गहरे इस खुले पड़े नाले में गिरकर कई वाहन चालकों की जान जा चुकी है और आए दिन लोग चोटिल होते हैं।
कुछ माह पहले नादरगंज तिराहा और नाले के बीच प्रेम नाम के युवक को ट्रक ने कुचल दिया था। मोटर मैकेनिक दीपक ने बताया कि प्रेम नाले के पास सड़क पर चल रहा था। इस बीच पीछे से ट्रक आ रहा था। प्रेम भागा तो नाले के कारण सड़क पर गिर गया और ट्रक के नीचे आ गया था। 15 दिन पहले एक कार नाले में घुस गयी थी। वहीं, शिवरात्रि के समय लोधेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले कई कावड़िये भी नाले में गिर चुके हैं।
इमाम मस्जिद के मोहम्मद साबिर ने बताया कि नाले के पास मस्जिद है। स्थानीय लोग यहां नमाज पढ़ने के लिए आते हैं। अक्सर कोई न कोई नाले में गिर जाता है। 2017 से यह नाला खुला पड़ा है। इक मोबाइल दुकानदार अलवर अली ने बताया कि कई बार नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन और सरोजनीनगर तहसील में एसडीएम से खुले नाले को पाटने की गुहार की गई। स्थानीय लोगों ने प्रार्थनापत्र भी दिया पर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। गैराज मालिक दीपक ने बताया कि बरसात में नाला भर जाता है। इसकी सफाई तक नहीं होती है। आवागमन में वाहन चालकों को दिक्कतें होती हैं। गैराज पर आने वाले लोग जरा सा चूके तो नाले में गिर जाते हैं।