पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले का ऐलान करते हुए शनिवार को कहा, ‘गुड लक और गुडबाय कांग्रेस’। कांग्रेस ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पिछले महीने उन्हें सभी पदों से हटा दिया था। जाखड़ ने यह निर्णय ऐसे समय पर लिया है जब उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ चल रहा है। असंतुष्ट नेता ने अपने फेसबुक पेज पर लाइव आकर, कांग्रेस छोड़ने के फैसले की घोषणा की।
जाखड़ ने कहा, पार्टी के लिए यह उपहार है। भविष्य के लिए शुभकामनाएं और अलविदा कांग्रेस। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख जाखड़ 11 अप्रैल को उन्हें मिले ‘कारण बताओ’ नोटिस को लेकर पार्टी से नाराज थे। उन्होंने कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति को नोटिस का जवाब नहीं दिया था। पूर्व सांसद ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी और उन्हें पंजाब में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की हार के बाद, पार्टी के लिए ‘बोझ’ बताया था।
जाखड़ ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया। उन्होंने कहा था कि अगर कोई उनकी टिप्पणियों से आहत हुआ है तो वह खेद जताते हैं। जाखड़ ने पहले यह दावा करके तूफान खड़ा कर दिया था कि 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और केवल दो ने चन्नी का समर्थन किया है।
पिछले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जाखड़ इस पद के दावेदारों में आगे चल रहे थे, लेकिन पार्टी की नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि पार्टी को एक सिख को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। उन्होंने अंबिका सोनी द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद दिए बयान को लेकर हमला किया। अंबिका सोनी ने यह कह कर कि पंजाब का अपमान किया कि राज्य में कोई हिंदू नेता को सीएम बनाने पर पंजाब में आग लग जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अंबिका सोनी जैसी नेताओं की मंडली काम कर रही है। इनसे सोनिया गांधी को मुक्ति पानी होगी।