जम्मू
, मामले में यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने को लेकर बुधवार को पूरे कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर रहे। श्रीनगर के लाल चौक से कुछ दूर मैसूमा स्थित यासीन के घर और आसपास के इलाकों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। पूरे इलाके में ड्रोन से निगरानी की गई। यासीन के कुछ हताश समर्थकों ने उसके घर के पास सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी और नारेबाजी भी की, लेकिन उन पर तुरंत काबू पा लिया गया। कश्मीर में अब अलगाववादियों और आतंकियों के समर्थन गिने-चुने ही हर गए हैं।
पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त हैं। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी को और अधिक बढ़ा दिया गया है। कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि यहां के युवा समझ चुके हैं कि उनको गलत मार्ग पर ले जाया गया है। जम्मू के नगरोटा से लेकर सिदड़ा, पंजर्तीथी मार्ग पर विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों सहित सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है। प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों सहित अन्य अतिसंवेदनशील स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि हम न्यायालय के फैसले की सराहना करते हैं। यासीन मलिक पर अभी कई मामले हैं, पीडि़तों को न्याय मिलना चाहिए। राष्ट्रवाद के खिलाफ काम करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि दूसरों का खून बहाने वाले अलगाववादियों को अब उनके किए की सजा मिलना शुरू हो गई है। अदालत ने एक देशद्रोही को उसके किए की सजा दी है। इससे उन परिवारों को भी राहत मिली है जिनके कईं स्वजन ऐसे अलगाववादियों के कारण ही आज इस दुनिया में नहीं हैं।