रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 26 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली में तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू दल (टीएमआर) की एक टीम के साथ बातचीत की। यह हेमंत सचदेव द्वारा स्थापित किया गया। टीएमआर वर्ष 2016 से कार्यरत भारतीय सेना से संबद्ध एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह अत्यधिक कुशल और योग्य हिमस्खलन बचाव पेशेवरों की कई टीमें उपलब्ध कराता है, जो सर्दियों के मौसम में बर्फ से ढके तथा कठिन क्षेत्रों में सहायता के लिए तैनात होते हैं।
पर्वतीय इलाकों में भारतीय सेना के कर्मियों को समर्पित इन टीमों की हिमस्खलन से बचाव एवं प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह को टीएमआर की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई। रक्षामंत्री ने सशस्त्र बलों के जवानों के जीवन को हिमस्खलन जैसे खतरों से बचाने के अलावा जागरूकता बढ़ाने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए टीएमआर की सराहना की।
उन्होंने तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम को उन सैनिकों के लिए ताकत का स्रोत बताया, जो कठिन क्षेत्रों में तैनात हैं और हिमस्खलन जैसी विभिन्न चुनौतियों से घिरे हुए होते हैं। उन्होंने इस तथ्य की भी सराहना की कि जिन स्थानों पर टीएमआर तैनात है, वहां सैनिकों की कोई जान हानि नहीं हुई है। रक्षामंत्री ने बल देकर कहा कि टीएमआर के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन के कारण हिमस्खलन जैसे खतरे बढ़ सकते हैं।
रक्षामंत्री ने टीएमआर द्वारा किए जा रहे कार्यों को सरकार और नागरिक समाज के बीच साझेदारी का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक राष्ट्र विकास के पथ पर तभी आगे बढ़ता है जब सरकार और नागरिक समाज मिलकर कार्य करते हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि सरकार और नागरिक समाज वे पहिए हैं जिन पर चलकर देश चहुंमुखी सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
आपको बता दें कि इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।