वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को चल रहा विवाद अब सियासी रंग में रंग चुका है। मामला अभी कोर्ट में है जिस पर फैसला आना अभी बाकी है। ज्ञानवारी के अलावा मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर दावेदारी का मामला कोर्ट में चला गया है। दिल्ली के कुतुब मीनार और आगरा के ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की मांग की जा रही है।
इन सभी के कारण इन मामलों को इतिहास और मुगल काल से जोड़ कर देखा जा रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को लेकर बड़ा दावा किया है। ओवैसी ने अपने फेसबुक पोस्ट में इतिहास और मुगलकालमी को लेकर बड़ा दावा किया है। ओवैसी ने अपनी पोस्ट में कहा है कि भारत के मुसलमानों का मुगलों से कोई रिश्ता नहीं है।
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर सवाल भी उठाया है। ओवैसी ने ये सवाल किया है कि मुगलों का भारत के मुसलमानों से कोई रिश्ता नहीं है, लेकिन ये बताओ कि मुगल बादशाहों की बीवियां कौन थीं। ओवैसी इस पोस्ट से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
ओवैसी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, आरएसएस की शाखाओं से अलग मदरसे स्वाभिमान और सहानुभूति सिखाते हैं, लेकिन ये बात अनपढ़ संघी नहीं समझ पाएंगे।
ओवैसी ने सवाल किया कि हिंदू समाज सुधारक राजा राम मोहन राय मदरसे में क्यों पढ़ते थे? उन्होंने आरएसएस पर मुसलमानों को निशाना बनाए जाने पर कहा कि मुस्लिम वंश पर ध्यान देना आपकी हीन भावना को दर्शाता है। देश के मुसलमानों ने भारत को समृद्ध बनाया है और आगे भी मुसलमान ऐसा करते रहेंगे।