उत्तराखंड (Uttarakhand) में प्राथमिक शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा में भी आगामी जुलाई से शुरू हो रहे शैक्षिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की जाएगी. इस दौरान विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हम इस सत्र से लागू करने जा रहे हैं. उत्तराखंड इसे लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पष्ट कहा गया है कि शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परंपराओं के आधार पर होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि राज्य अपना पाठ्यक्रम भी 30-40% तक तय कर सकते हैं. हम अपने राज्य में वेद, गीता, रामायण, उत्तराखंड के इतिहास का भी पाठ्यक्रम में समावेश करेंगे. साथ ही जनता और शिक्षाविदों की राय लेकर इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
पिछले महीने कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा व विद्यालयी शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की थी. जिसमें उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में पहले सेमेस्टर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नया पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा. इस संबंध में गठित की गई कुलपतियों की समिति अपना प्रस्ताव सौंप चुकी है. इस पर केंद्र सरकार से भी सहमति ली गई . अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में नए पाठ्यक्रम को स्वीकृति दी जाएगी.
आगामी सत्र में लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति
Uttarakhand | National Education Policy will be implemented in the upcoming session. We’ll be including Vedas, Gita, Ramayana history of Uttarakhand in the syllabus after taking suggestions from the public consulting the academicians: State Education minister Dhan Singh Rawat pic.twitter.com/bFN8ujxMmK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 2, 2022
प्राथमिक स्तर पर एनईपी का क्रियान्वयन शुरू
बता दें कि बीते महीने डॉ रावत ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में एनईपी का क्रियान्वयन नए सत्र से किया जा रहा है. प्राथमिक स्तर पर पूर्व प्राथमिक व्यवस्था लागू की जा रही है. प्राथमिक विद्यालयों में चल रहे पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका शुरू की जाएंगी. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में आगामी एक महीने के भीतर शिक्षाधिकारियों, प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए डीपीसी के निर्देश दिए गए हैं.