City Headlines

Home » इस महीने, स्थलीय क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना है! पहाड़ों में तापमान माइनस में रहेगा; यह वह आधार है जिससे हो सकता है कि यहाँ आगे क्या हो सकता है

इस महीने, स्थलीय क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना है! पहाड़ों में तापमान माइनस में रहेगा; यह वह आधार है जिससे हो सकता है कि यहाँ आगे क्या हो सकता है

by Nikhil

ईरान में मौसम की स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। इसलिए इस समय पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है जबकि मैदानी क्षेत्रों में आग बरस रही है। कई स्थानों पर पारा 42 डिग्री से अधिक होने की संभावना है। पहाड़ों में और बर्फबारी की संभावना है।

दिल्ली से बिल्कुल सटे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तापमान ने 44 डिग्री का पार कर लिया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में आग बरस रही है। साथ ही, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में पारा माइनस 15 डिग्री के करीब है। पिछले दो दिनों में इन क्षेत्रों में तापमान में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि कहीं-कहीं पारा नीचे गिर रहा है।

मौसम विभाग की अनुमानित जानकारी के अनुसार, आगामी कुछ दिनों तक पहाड़ों में तापमान माइनस में ही रहेगा, और सोमवार और मंगलवार को बर्फबारी जारी रहेगी। मैदानी क्षेत्रों में आग लगातार बरसेगी। पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों के बीच तापमान का यह अंतर ईरान में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस महीने के अंत तक ऐसे ही मौसम का बना रहने का अनुमान है। 26 अप्रैल से पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता शुरू होने जा रही है, जिससे आंधी और बारिश के साथ तूफान की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, मैदानी क्षेत्रों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान में अधिक अंतर देखने को मिल रहा है। आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में सोमवार को पारा माइनस 15 डिग्री तक गिरा। इसके आसपास के क्षेत्रों में बर्फबारी की घटनाओं की भी रिपोर्टें आ रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 48 घंटों में दो फीट से अधिक बर्फबारी हुई है। अगले दो दिनों तक हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊपरी हिस्सों में ऐसे ही मौसम का हाल बना रहेगा। मौसम वैज्ञानिक आलोक यादव के मुताबिक, ईरान में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर है कि समूची हिमालयन बेल्ट में मौसम का बदलाव हो रहा है। विभाग का कहना है कि आगामी दो दिनों तक इस इलाके में ऐसे ही मौसम की स्थिति बनी रहेगी।

वास्तव में, पिछले हफ्ते से ईरान और अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में बनी हवाओं के दबाव के कारण परिस्थितियाँ बदल रही हैं, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में इसका प्रभाव दिख रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अफगानिस्तान और ईरान के कुछ क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता फिर से देखी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, हवाओं में कम दबाव और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की उत्पत्ति के कारण मौसम में ऐसे हालात बन रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में इसका प्रभाव देखा जा सकेगा। उनके अनुसार, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में सोमवार से मंगलवार तक कई स्थानों पर भारी बर्फबारी होने की संभावना है। इन पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान माइनस 15 डिग्री से अधिक बने रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, मैदानी क्षेत्रों में तापमान लगातार बढ़ता रहेगा। उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली एनसीआर तक, देश भर में वर्तमान में कोई तापमान कमी नहीं होने की संभावना है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, सोमवार दोपहर से ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में हवाओं की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। इसके साथ ही, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, और बिहार सहित दक्षिणी राज्यों में भी तापमान में लगातार वृद्धि का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में देश भर में 45 से 46 डिग्री सेल्सियस का तापमान पाया गया है, और इसी प्रकार के मौसम का अनुमान इस महीने के अंत तक भी देश में रहने की संभावना है।

हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, 26 अप्रैल से एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता हिमालय रीजन में व्यापक होगी। इसके कारण, न केवल पहाड़ों में मौसम बदलेगा, बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, और चंडीगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा, मध्यप्रदेश और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।

Subscribe News Letter

Copyright © 2022 City Headlines.  All rights reserved.