नवरात्र में इस बार साउथ दिल्ली के मेयर ने मीट बैन का ऐलान कर दिया है। इससे पहले अहमदाबाद में भी रोडसाइड स्टॉल्स में नॉन-वेज फूड नहीं बेचने का आदेश दिया गया था। वडोदरा और राजकोट के दुकानदारों को नॉन-वेज आइटम को कवर करके रखने को कहा गया है। इन सारी कवायद के बावजूद भारत में नॉन-वेज खाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15-49 साल के 84.4% पुरुष और 70.6 महिलाएं नॉन-वेज खाती हैं। 2015-16 की रिपोर्ट के मुकाबले नॉन-वेज खाने वाले पुरुषों की संख्या में 5% और महिलाओं की संख्या में 0.6% की बढ़ोतरी हुई है। 8% पुरूष रोजाना तो लगभग 50% सप्ताह में एक बार व 26% कभी-कभी मांस खा लेते है। वहीं 5.9% महिलाएं रोज व 39.3% सप्ताह में एक बार तो 25.4% कभी-कभी खाती हैं। गांव की तुलना में शहरों में मांसाहार खाने वाले अधिक है।
वहीं धर्म के आधार पर देखें तो क्रिश्चियन में 2015-16 से 2019-21 के बीच 5%, मुस्लिमों में 5% (लगभग), बौद्ध में 12%, हिन्दू में 5%, सिखों में 6%, जैन में 3.5% की बढ़ोतरी हुई जबकि अन्य में 12% की कमी आई है।