नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आजाद ने अपनी किताब ‘आज़ाद’ में कांग्रेस की कार्य प्रणाली और राहुल गाँधी की क्षमता पर सवालिया निशान खड़े किये हैं। आज़ाद ने एक ओर राहुल गांधी और कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई मसलों पर तारीफ भी की। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी किताब में एक पूरा का पूरा अध्याय कांग्रेस की स्थिति पर लिखा है। कांग्रेस पर The Grand Old Party : Bloopers and Bombast नाम से लिखे अध्याय में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में गिरावट को निराशाजनक बताया है और चिंता जाहिर की है कि इसे रोकने के लिए कोई गंभीर कोशिश नहीं की जा रही है।
आजाद ने लिखा है कि राहुल गांधी की तरफ से कांग्रेस के सलाहकारी मैकेनिजम को संपूर्ण तौर पर ध्वस्त करने से लेकर पार्टी को चलानेवाले अनुभवहीन चापलूसों की नई कोटरी के उदय वाली पार्टी ने भारत के लिए जो सही है उसके लिए लड़ने की इच्छा और क्षमता दोनों खो दी। आजाद ने लिखा है, आज कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों, सांसदों और प्रदेश अध्यक्षों को पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। अब तो बिना पूर्व अपॉइंटमेंट के मिलने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। ’
जी-23 की आलोचना करनेवाले कांग्रेस के कुछ नेताओं पर आजाद ने लिखा है कि तथाकथित नेताओं के नियमित ट्वीट करने से पार्टी संगठन खड़ा नही हो सकता। जी-23 के खिलाफ बोलने वाले कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए आजाद ने अपनी किताब में लिखा, ‘हमलोगों ने सीढ़ी को लात नहीं मारी, जिससे हम लोग ऊपर पहुंचे थे… बल्कि हम जैसे लोग खुद सीढ़ी थे जिसके सहारे कुछ नेता शीर्ष पर पहुंचे और उनलोगों ने शिखर पर पहुंचकर पाया कि अब उन्हें सीढ़ी की जरूरत नहीं। ’
आजाद ने किताब में लिखा, ‘कांग्रेस में आज कोई ऐसा नेता नहीं, जिसकी अपील समूचे भारत में हो। कामराज प्लान भी कांग्रेस के कमजोर होने का एक कारण है, जिससे पार्टी के कमजोर होने की शुरुआत हुई और देशभर में पार्टी के अंदर जनाधार वाले पॉपुलर नेताओं का प्रभाव कम हुआ। ’
उन्होंने आगे लिखा है, ‘कांग्रेस में एक नए ट्रेंड की शुरुआत हुई है, जिसमें अच्छे दिखनेवाले और अच्छे बोलनेवाले युवाओं को अनुभवी नेताओं के सामने तरजीह दिया जाता है.’ आजाद ने हिमंत बिस्वा शर्मा के संदर्भ का जिक्र करते हुए लिखा है कि परस्थितियों को समझते हुए ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोनिया गांधी ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष अपने आप को मजबूत नहीं किया।
गुलाम नबी आजाद ने की पीएम मोदी की तारीफ
कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं पर सवाल उठाने वाले आजाद ने अपनी किताब में पीएम मोदी को एक अच्छा श्रोता बताया है। आजाद ने अपनी किताब में पीएम मोदी के विदाई भाषण की सराहना की है और उन्हें धन्यवाद दिया है। आजाद ने लिखा, ‘कांग्रेस और कांग्रेस नेतृत्व के लिए पीएम मोदी का विदाई भाषण गर्व का विषय होना चाहिए था, लेकिन पार्टी नेतृत्व नाखुश और अलोचनात्मक था. कांग्रेस नेताओं ने मुझे बीजेपी का आदमी बताया। ’
किताब की रिलीज से पहले पीएम मोदी को आजाद ने बहुत मेहनती भी बताया। इसके अलावा आजाद ने अपनी किताब में पीएम मोदी के संसद सत्र के दौरान बीजेपी पार्टी सांसदों से मिलने की सराहना और खाड़ी देशों के नेताओं के साथ बेहतर निजी रिश्ते बनाने की कोशिश का भी जिक्र किया है।