लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की सेमिनार समिति ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चिन्हित शिक्षक पर्व के उपलक्ष्य में 8 और 9 सितंबर को विशेष व्याख्यान आयोजित किए। संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुबीर भटनागर ने की। प्रो. भटनागर ने सनातन धर्म पर भी चर्चा की।
विशेष व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ‘रोल ऑफ अकेडमिया इन अपहोल्डिंग कॉन्स्टिट्यूशनल आइडियल्स इन कंटेंपरेरी इंडिया’ विषयक सेमिनार में विचार रखे। इसमें विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. एके तिवारी एवं डॉ. केए पांडेय द्वारा मानवीय मूल्यों के परिपेक्ष्य में संप्रभुता, न्याय, स्वतंत्रता और अंबेडकर जैसे वैचारिक मुद्दों पर बात की।
वहीं विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ. अपर्णा सिंह ने कहा कि संविधान में लिखे गए आदर्श समाज और राष्ट्र की नींव है। हमें ‘भाईचारे’ जैसे शब्दों की आत्मा को समझना होगा। मुख्य वक्ताओं में शामिल शिक्षिका डॉ. अलका सिंह ने भारतीय संविधान को राष्ट्र की आत्मा बताते हुए कहा कि हमें एकेडमिक कल्चर को भावी पीढ़ी के लिए सशक्त सोच की गति का प्रोत्साहन करना होगा। विधि की व्याख्या करते समय तर्कशीलता और सम्यक सोच का होना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में डॉ. प्रेम कुमार गौतम, डॉ. अंकिता यादव, सुश्री प्रिया अनुरागिनी और डॉ. अब्दुला नासिर समेत अन्य शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे।
आरएमएलयू में विशेष व्याख्यान में वक्ताओं ने रखे विचार
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