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आकाश आनंद को हटाए जाने को लेकर भिड़े अखिलेश-मायावती, बसपा बोली- अपने परिवार की चिंता करें

by Nikhil

मायावती के द्वारा बीते दिनों आकाश आंनद को उनके पदों से हटा दिया गया था। इस पर अखिलेश यादव ने टिप्पणी की थी। अब इस मसले पर बसपा सुप्रीमों ने तीखा पलटवार किया है।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से हटाने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बसपा संगठन में क्या कुछ चल रहा है, इस पर घोर दलित विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिंता नहीं करे तो बेहतर होगा। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है, इसकी केवल चिंता करें क्योंकि उन सबका हाल बेहाल है।

बसपा सुप्रीमो ने बुधवार को एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा की तरह आज भी दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस संबंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं, जिसे माफ करना मुश्किल है। साथ ही, बसपा सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गये जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं, जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं।

मायावती ने विफलता को ढकने के लिए आकाश आनंद को हटाया: अखिलेश
इसके पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस चुनाव में बसपा के हाथ से बाजी निकल चुकी है। मायावती का बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि बसपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस विफलता के कारण ही संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। उनका इशारा आकाश आनंद को मायावती के उत्तराधिकारी के साथ-साथ बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाने की ओर था।

अखिलेश ने एक्स के जरिये कहा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है, वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है। बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि बसपा इस बात को अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेरबदल कर रहा है, लेकिन अब बाजी बसपा के हाथ से निकल चुकी है। अखिलेश सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में आगे लिखते हैं कि सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है, तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।

अखिलेश ने कहा कि इन परिस्तिथियों में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि वे अपना वोट खराब न करें। जो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग आरक्षण भी बचाएं। संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को दें।

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