अयोध्या के पूराकलंदर इलाके में 12 वर्षीय बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई, जिसे तब उजागर किया गया जब बच्ची गर्भवती हो गई। इस मामले में मोईद खान और अन्य पर आरोप हैं, और कहा जा रहा है कि मोईद खान का संबंध समाजवादी पार्टी से है। इस घटना के बाद सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई की है, जिससे सियासी बवाल मच गया है। भाजपा नेताओं ने समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि समाजवादी पार्टी ने भी जोरदार जवाबी हमला किया है। अयोध्या में पीड़िता के घर बीजेपी का एक डेलीगेशन भी पहुंच चुका है।
अयोध्या गैंगरेप मामले में अब तीसरा निलंबन हो चुका है। भदरसा पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही रोहित यादव को एसएसपी राजकरण नैय्यर ने जांच के बाद सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले एसएचओ और पुलिस चौकी इंचार्ज भी निलंबित किए जा चुके हैं।
इस मामले पर सियासत भी गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने टिप्पणी की है कि आम लोग मुख्यमंत्री से मिलने के लिए काफी परेशान होते हैं और अपॉइंटमेंट नहीं मिलती, लेकिन पीड़िता की मां मुख्यमंत्री से तुरंत मुलाकात कर लेती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बलात्कार हुआ है तो दोषियों को फांसी मिलनी चाहिए, लेकिन बार-बार समाजवादी पार्टी और मुसलमानों को इसमें घसीटा जा रहा है। आजमी ने सवाल उठाया कि समाजवादी पार्टी और मुसलमानों को इतनी अहमियत क्यों दी जा रही है।
अबू आजमी ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। उनका कहना है कि जब बलात्कार के आरोप भाजपा नेताओं पर लगते हैं, तब भी कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि बिना जांच के ही घर तोड़ना शुरू कर दिया गया है। अगर आरोप साबित नहीं होते तो क्या आरोपी का घर वापस लाना संभव होगा? आजमी ने कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि आरोपी का घर तोड़ा जाए और यह भी पूछा कि अवैध निर्माण के मुद्दे पर अधिकारी पहले क्यों चुप थे।
अफजाल अंसारी ने इस मामले पर टिप्पणी की है कि अगर मोईद खान पर लगे आरोप साबित होते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी, लेकिन अगर आरोप साबित नहीं हुए तो क्यों किसी को निकालना। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि जांच कर रही टीम सरकार में है और आरोपियों पर कार्रवाई के लिए सबूतों की जरूरत है। गाजीपुर में बलात्कार के मामलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अपराधी किसी जाति या धर्म से नहीं होते और हर अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
बीजेपी के मंत्री हरि सहनी ने अयोध्या रेप केस और सीएम योगी के एक्शन पर कहा कि योगी सरकार ने न केवल आरोपी की बेकरी तोड़ी है बल्कि उसकी हेकड़ी भी तोड़ी है। उन्होंने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि वे बलात्कार के आरोपियों को बचाने में लगे हुए हैं, जो शर्मनाक है।
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने अखिलेश यादव से आग्रह किया कि जांच पूरी होने तक किसी को बचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने प्रतिक्रिया दी कि समाजवादी पार्टी की सरकार को गुंडों की सरकार कहा जाता था, जबकि एनडीए सरकार को बुलडोजर सरकार। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार में अपराधियों को संरक्षण मिलता था और अगर अखिलेश यादव को सरकार की कार्रवाई पर विश्वास नहीं है, तो उन्हें खुद इस मामले की जांच करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने टिप्पणी की कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और ‘टुकड़े टुकड़े’ गैंग के सभी नेता इस मामले पर चुप हैं क्योंकि आरोपी मुस्लिम है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता सनातन धर्म के खिलाफ बोलने के अवसर पर एकजुट हो जाते हैं।
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि पीड़िता की मां ने बताया कि उस पर दबाव डाला जा रहा है, लेकिन उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि डीएनए टेस्ट की जरूरत नहीं है क्योंकि पीड़िता अस्पताल में है और बयान दे रही है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया कि वे डीएनए टेस्ट की बात कर आरोपियों को बचाने की साजिश कर रहे हैं। पाल ने यह भी कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब उन्होंने ऐसी घटनाओं में डीएनए टेस्ट का आदेश नहीं दिया था।