शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने 15 मई को ट्विटर पर बड़ा अभियान चलाया है। हैशटैग प्राथमिकशिक्षकभर्ती_दो_97000 के साथ 10 घंटे में 2.5 लाख से अधिक ट्वीट किए गए हैं। ट्वीट करने वाले अभ्यर्थियों की मांग है कि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकाला जाए। अभ्यर्थी तर्क दे रहे हैं कि पिछले तीन साल से कोई भर्ती नहीं की गई लेकिन इस दौरान BTC और B.Ed करने वालों की ट्रेनिंग चलती रही, जिससे अभ्यर्थियों की एक बड़ी फौज बेरोजगार खड़ी है।
25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के स्कूलों में पढ़ा रहे 1.70 लाख शिक्षा मित्रों के समायोजन को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। इसमें 30 हजार TET पास थे, इसलिए वह सहायक अध्यापक बने रहे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि जल्द 1.37 लाख खाली पदों पर रिक्तियों को भरा जाए। सरकार ने पहले 68,500 और फिर 69000 भर्ती प्रक्रिया पूरी की है। इन दोनों भर्तियों के अतिरिक्त सरकार ने 6800 और 17000 भर्ती का ऐलान तो किया, लेकिन विज्ञापन जारी नहीं किया गया।
उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि सरकार शिक्षक भर्ती निकालेगी लेकिन TET परीक्षा में धांधली हुई जिसके बाद उम्मीद कम हो गई। 24 दिसंबर 2021 को तत्कालीन शिक्षामंत्री सतीश द्विवेदी ने 17000 पदों पर शिक्षक भर्ती का ऐलान किया है। ऐलान के 14 दिन बाद ही आचार संहिता लग गई। चुनाव बीत गए, दोबारा सरकार बन गई पर अब उसकी कोई चर्चा नहीं होती है।
डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह ने लिखा, माननीय संदीप सिंह आप शिक्षामंत्री बने तो प्रशिक्षुओं में खुशी की लहर थी। उसका कारण यह था कि कहीं न कहीं हम सब की पीड़ा को समझेंगे और नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकालने में मदद करेंगे लेकिन आप तो पूर्व शिक्षामंत्री के भांति निकले। मयंक शुक्ला लिखते हैं, बेसिक विभाग में छात्रों का नामांकन बढ़ रहा है। लेकिन बेसिक में शिक्षकों की संख्या 3 साल से बढ़ने के बजाय कम हो रही है। शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसलिए हमारी मांग है कि नए शिक्षकों की भर्ती की जाए।
आभा श्रीवास्तव शिक्षक भर्ती के मामले में मंदिर मस्जिद की चर्चा करते हुए लिखती हैं, प्लीज सर, हमें मंदिर मस्जिद नहीं चाहिए, हमको बस रोजगार चाहिए। अरविंद मौर्य ने सरकार के 17000 के ऐलान को खारिज करते हुए लिखा, हमें 17 हजार नहीं 97 हजार भर्ती चाहिए। एक अन्य ट्वीट में लिखा, सुबह से ट्रेंडिंग में है बस सरकार देखना नहीं चाहती है। गौरव कुमार ने लिखा, सरकार भी जानती है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 1 लाख से अधिक पद खाली हैं, लेकिन वह भर्ती नहीं करना चाहती है। प्रदेश के युवाओं के भविष्य की कोई चिंता नहीं है।