इतना क्रूर एवं असंवेदनशील व्यवहार करना जिसके परिणामस्वरूप एक स्कूल की आया ने ढाई साल के निर्दोष बच्चे को टॉयलेट ब्रश से रगड़ दिया, उसके लिए न केवल दिल को दुख होता है, बल्कि समाज के लिए भी यह एक गहरा संकट है। बच्चे पर पड़े घाव के निशान तो जाहिर हैं, पर इस घटना में उनकी आत्मा के घाव को भरना मुश्किल है। ऐसा अत्यंत निन्दनीय कृत्य करने वाले पर हमें उन्हें सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए, ताकि उसकी तरह की हरामी हरामी कार्यवाही करने की हिम्मत न हो।
परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की टॉयलेट ब्रश से उन्हें साफ़ किया गया, जिससे उनके शरीर पर खरोंचे आईं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, एक निजी स्कूल की आया ने नर्सरी कक्षा के एक छात्र को टॉयलेट ब्रश से रगड़ दिया, जिससे उसके शरीर पर गहरे घाव बन गए।कोतवाली में परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य और आया को थाने बुलाया।सामूहिक रूप से लिखित में माफीनामा देने के बाद, दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
आधारित जानकारी के अनुसार, कोतवाली क्षेत्र निवासी एक ढाई साल के बच्चे को दाखिला हुआ वीर अर्जुन स्कॉलर्स एकेडमी नामक स्कूल में। लगभग 20 दिन पहले ही उसने अपनी शिक्षा की यात्रा शुरू की थी। उसके पिता के मुताबिक, 18 अप्रैल को स्कूल से एक फोन आया, जबकि वे घर पर नहीं थे। उनकी पत्नी ने स्कूल की ओर रुख किया और देखा कि उनका बेटा शौचालय के बाहर खड़ा है और रो रहा है।
पत्नी ने उनके शरीर पर खरोंच और घाव के निशान देखे, जिसके बाद वह प्रबंधन के सामने अपनी नाराजगी जताई। प्रबंधन ने पल्ला झाड़ते हुए बताया कि निशान डायपर का है, जिसके बाद परिवार ने सूर्यकांत नामक अस्पताल में उनके बेटे का इलाज करवाया।
मंगलवार को कोतवाली में जाकर परिजनों ने मेडिकल के साथ पुलिस को तहरीर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे की टॉयलेट ब्रश से उनके शरीर पर खरोंचे आईं, जिसकी वजह से वह परेशान हो गया।
प्रबंधक प्रभात ने बताया कि आया को निकाल दिया गया है, हालांकि उसने ब्रश का प्रयोग नहीं किया था। प्रबंधन छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है।वरिष्ठ उपनिरीक्षक संजीत कुमार ने बताया कि प्रबंधन ने गलती स्वीकार करते हुए माफीनाम लिखकर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया।