जब चिराग पासवान से पूछा गया कि 12 जनपथ को छोड़ने का कारण क्या था, तो वे बताया कि उन्हें गठबंधन में शामिल होने का नया मौका मिला है। परिणामस्वरूप, उन्हें कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ी, जैसे कि उनके पिता रामविलास की तस्वीर को रोड पर रखना, पार्टी का सिंबल बदलना और पार्टी का नाम बदलना। ये सभी कदम गठबंधन के अंदर जाने के लिए उठाए गए। इससे निकली कड़वाहट को वह पार्टी के हित में देखते हैं।
चिराग पासवान ने बताया, “मेरे लिए यह अफसोसनाक है, पर कड़वाहट और निराशा कभी भी मेरी लड़ाई का हिस्सा नहीं रही है। मेरी लड़ाई मेरे घर और मेरी गाड़ी के लिए नहीं है, सुख-सुविधा के लिए भी नहीं। यदि मेरी लड़ाई इन सुख-सुविधाओं को लेकर होती तो मैं नतमस्तक होकर किसी भी गठबंधन में चला जाता। मेरी लड़ाई बिहार के विकास के लिए है, और मैंने कभी समझौता नहीं किया है और न करूंगा। मेरे लिए घर-गाड़ी की कोई अहमियत नहीं है, कुछ भी आ सकता है, लेकिन लड़ाई जारी होगी।”
जब उनसे पूछा गया कि कौन उन्हें धोखा देता है, तो उन्होंने कहा, “अगर कोई मुझे धोखा नहीं देता, तो फिर ऐसी ताकत नहीं होती जो मेरी पार्टी को तोड़ सके। मेरा धोखा मेरे अपनों ने किया है, और उस पर मैं तीसरे के सामने शिकायत नहीं कर सकता।”