बीजेपी ने पहले ही इस उद्देश्य के साथ काम शुरू किया था। अब, NDA के सभी नेता मिलकर इस मिशन को साकार करने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। उन्हें मान्यता है कि पिछले चुनाव में बिहार ने NDA को 40 में से 39 सीटें दी थीं, और इस बार भी वे इस उपलब्धि को बरकरार रखेंगे
बिहार के बीजेपी के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने दावे के साथ कहा कि 40 सीटों की जीत का हमारा मकसद सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि यह NDA कार्यकर्ताओं का वचन है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आज तुष्टिकरण के माध्यम से एक विशेष समुदाय को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास को मजहब से नहीं देखा, बल्कि उसे विचार-विमर्श की शुरुआत तक ले जाने का परंपरागत रूप दिया। बीजेपी विश्वास है कि चार मुख्य मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार के कार्यों को बीजेपी के कार्यकर्ता गांव-गांव तक पहुंचा रहे हैं।
दानिश इकबाल के मुताबिक, हमारे पास नेतृत्व है, देश के विकास करने की नीयत है और राष्ट्रवाद की नीति है, जबकि विरोधियों के पास कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, “बीजेपी की अपनी अलग विचारधारा है, जो देश को सशक्त और मजबूत बनाने की है। हमारे कार्यकर्ता बूथ तक मजबूती से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। योजनाओं के लाभार्थियों की देश में बड़ी संख्या है, जो बीजेपी को छोड़कर दूसरी ओर नहीं जा सकते हैं। राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया, इसके अलावा कई कार्य हैं, जिनका समाधान जनता चाहती थी।”
“देश में 400 से ज्यादा सीटें जीतेगा NDA”
दानिश इकबाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में तय है कि प्रदेश में NDA न केवल 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगा, बल्कि देश में भी 400 सीटें पार करेगा। बता दें कि बीजेपी इस चुनाव में जेडीयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ चुनावी मैदान में है।