“महाराष्ट्र ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूरी ताकत लगाई है। यहां 48 लोकसभा सीटें हैं, जो सत्ता के संबंध में निर्णय लेने में महत्वपूर्ण हैं। तीन चरणों के चुनाव में प्रारंभिक दो चरण पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे चरण के प्रचार के लिए महाराष्ट्र के नंदुरबार में रैली की थी। वहां पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर तीखे हमले बोले। जानिए उनके विचार।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में मराठी में लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज अक्षय तृतीया के पर्व पर देशवासियों, विशेष रूप से किसानों को बधाई देते हुए कहा। उन्होंने परशुराम जयंती की भी शुभकामनाएं दी और समर्थ वाणी से आशीर्वाद भी दिया। उन्होंने इस उत्सव को एक महत्वपूर्ण संकेत माना, जो देश के लोगों को और विशेष रूप से अभिनव विकास की ओर ले जा रहा है।
मोदी ने कहा कि उन्हें यहां आशीर्वाद लेने के लिए इतने लोग आए हैं और इसका अर्थ यह है कि अक्षय तृतीया का आशीर्वाद अच्छा होगा और देश में एक बार फिर से भव्य सरकार बनेगी। उन्होंने यहां के विकास के लिए अपने निरंतर प्रयासों का जिक्र किया और बताया कि गुजरात से यहां की दूरी काफी कम है।
उन्होंने यहां के जंगलों में रहने वालों के साथ पानी और बिजली की समस्याओं के बारे में चर्चा की और अपनी सरकार के उनके लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि लाखों लोगों को पीएम आवास के तहत घर दिए गए हैं और लोगों को उनका अपना योगदान देना होगा।
मोदी ने जनता से कहा कि वह खुद ही उनका ‘मोदी’ हैं और अभी तो यह सिर्फ ट्रेलर है, अभी और भी बहुत कुछ करना है। उन्होंने जनता को अपने साथ मिलकर नए भविष्य की ओर बढ़ने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने उच्चारण में कहा कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों अलग-अलग दृष्टिकोण से चलते हैं। उन्होंने कांग्रेस की आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर कठोर टिप्पणियाँ की, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में बेहद चुनौतीपूर्ण समस्या के रूप में उभरी सिकल सेल एनिमिया के मुद्दे पर।
मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने इस रोग को मिटाने के लिए कड़ी मेहनत की है, जैसे आदिवासी क्षेत्रों में 12 लाख लोगों को मुफ्त राशन प्रदान करके। उन्होंने कांग्रेस के धर्म के आधार पर आरक्षण विवाद को भी तनावपूर्ण दृष्टिकोण से देखा, कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के और पिछड़ों के हित में नहीं बल्कि माइनॉरिटी को आरक्षित स्थान देने का प्रयास किया है।
मोदी ने कर्नाटक में मुस्लिमों के पिछड़ने के बारे में भी चर्चा की और कांग्रेस को इस दिशा में गम्भीरता से लेने का आरोप लगाया। वे आरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जताते हुए कहा कि वह सभी उपयुक्त उचितता के बिना आरक्षण को बचाने के लिए महायज्ञ कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने उच्चारण किया कि जब तक उनका नाम अधिकार में है, उन्हें एससी, एसटी, और ओबीसी जैसी समुदायों को आरक्षण का लाभ उठाने में किसी धर्म के आधार पर हस्तक्षेप नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि वंचितों के हित में कोई भी इसे छेड़ नहीं सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम शबरी माता के पुजारी हैं, लेकिन कांग्रेस कभी भी आदिवासियों के सम्मान में योगदान नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस के आदिवासियों के साथ व्यवहार को उजागर किया और उन्हें इसके लिए निंदा की।
पीएम ने दावा किया कि उनकी सरकार ने आदिवासी महिलाओं को पहली बार राष्ट्रपति बनाया है, लेकिन कांग्रेस ने उनकी विकास की प्रगति को रोका। उन्होंने कांग्रेस के संगठन के एक सदस्य के बयान को भी विवेचना किया और उन्हें आपत्ति जताई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के गुरुओं की रंगभेद वाली सोच का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने आदिवासियों के हित में कांग्रेस के खिलाफ आगे बढ़ने की भी बात की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहजादे के गुरु ने राम मंदिर और रामनवमी का महत्व अस्वीकार किया, जिसे उन्होंने भारतीय विचारधारा के खिलाफ बताया। पित्रोदा ने उनके मंदिर यात्रा को सेक्यूलरिज्म के खिलाफ माना। प्रधानमंत्री ने इस पर कहा कि क्या उनकी मंदिर यात्रा देशद्रोह है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस राम मंदिर यात्रा करने वाले को देशद्रोही बता रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम शबरी के पूजारी हैं और उनके अनुयायियों को यह धारण करना चाहिए कि कांग्रेस का यह हमला सभी हिन्दू आस्था के प्रति है। वे कांग्रेस को हिन्दू धर्म के प्रति अपमान करने का आरोप लगाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम आदिवासियों की संस्कृति की महत्वाकांक्षा करते हैं, जबकि कांग्रेस उनका अपमान करती है। उन्होंने अपने राम भक्ति के भाव को उजागर किया और कहा कि वे देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।