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Home Politics “पहले भैंस की खोज में, अब ऊँचाईयों की उड़ान…” यह लालू की हेलिकॉप्टर वाली कहानी है, जो न केवल मजेदार है, बल्कि एक अनोखी परिभाषा भी प्रस्तुत करती है कि जीवन में अवसर कितने ही अद्भुत रूप से परिवर्तित हो सकते हैं।

“पहले भैंस की खोज में, अब ऊँचाईयों की उड़ान…” यह लालू की हेलिकॉप्टर वाली कहानी है, जो न केवल मजेदार है, बल्कि एक अनोखी परिभाषा भी प्रस्तुत करती है कि जीवन में अवसर कितने ही अद्भुत रूप से परिवर्तित हो सकते हैं।

by Nikhil

1990 में बिहार के राजनैतिक स्तर पर एक अद्वितीय घटना हुई थी, जब लालू यादव को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी साथ ही एक हेलीकॉप्टर भी मिला। इस हेलीकॉप्टर का उल्लेख लालू ने कई बार अपने मजेदार भाषणों में किया है। अपने एक मंच संवाद में, उन्होंने मजाकिया रूप में कहा, “ई उड़न खटोला (हेलीकॉप्टर) जगन्नाथ बाबू खरीदले रहन। अब हम चढ़ तानी, पहिले भईंस के सींग पकड़ के चढ़त रही। अब ई उड़न खटोला पर चढ़त बानी।”

आज, लालू यादव अपने 77वें जन्मदिन को मना रहे हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ केक काटा, जिसकी शानदार तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लालू यादव का जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में हुआ था। उन्होंने कई बार अपने व्यक्तित्व और राजनैतिक सफर के बारे में बात की है, जिसमें उनका हेलीकॉप्टर का उल्लेख अत्यधिक रोचक है।

1990 में बिहार के राजनीतिक मंच पर एक अद्वितीय घटना घटी थी, जब लालू यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी के साथ-साथ एक हेलीकॉप्टर भी मिला। इस हेलीकॉप्टर का उल्लेख लालू ने कई बार अपने व्यक्तिगत भाषणों में किया है। वे अपने मजेदार अंदाज में मंच से कह चुके हैं, “ई उड़न खटोला (हेलीकॉप्टर) जगन्नाथ बाबू खरीदले रहन। अब हम चढ़ तानी, पहिले भईंस के सींग पकड़ के चढ़त रही। अब ई उड़न खटोला पर चढ़त बानी।”

वास्तव में, इस घटना के पीछे एक रोचक कहानी है। जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने हेलीकॉप्टर को सरकारी उपयोग के लिए खरीदा था, तो संयोग से उसी वक्त पटना एयरपोर्ट पर उसकी डिलीवरी हुई, जब उनकी सरकार गिर गई। फिर, लालू यादव को बिहार की सत्ता मिली और उन्हें जगन्नाथ मिश्रा द्वारा खरीदे गए हेलीकॉप्टर पर चढ़ने का मौका मिला। लालू ने इस कहानी को अपने मजाकिया अंदाज में अक्सर साझा किया है।