चुनाव किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए किसी पर्व से कम नहीं होता। चुनाव के नतीजे से जितना प्रभाव उस देश के लोगों पर पड़ता है, उतना ही उस देश से संबंध रखने वाले अन्य देश पर, खास करके उसके पड़ोसी देश पर। दरअसल आगामी 13 मई को भारत के पड़ोसी देश नेपाल में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। इसी को मध्य नजर रखते हुए नेपाल ने मदद के लिए एक बार फिर भारत का रुख किया है।
13 मई को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के सफल संचालन को लेकर भारत नेपाल के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक का आयोजन महेंद्र नगर कंचनपुर के सिद्धार्थ होटल के सभागार में हुआ। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि भारत नेपाल के मित्रता संबंध लंबे समय से सकारात्मक रहें है तथा बहुत पुराने एवं घनिष्ठ बने हुएं है। उन्होंने कहा कि संबंधों को और अधिक बढ़ाने के लिए दोनों देशों को साथ आकर काम करना होगा।
डीआइजी का मानना है कि शांति एवं सुरक्षा के लिए दोनों तरफ से काम किया जाना बहुत आवश्यक है। चुनाव को देखते हुए दोनों राष्ट्रों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए संवाद गतिविधियों का मजबूत बना रहना अति आवश्यक है। भरणे ने कहा की जल्द ही जनपद चंपावत की चंपावत विधान सभा में उप चुनाव होना भी लगभग तय हो गया है। इसलिए इलेक्शन को देखते हुए दोनों राष्ट्रों की पुलिस, एसएसबीए एवं प्रशासन के बीच एक बेहतर समन्वय बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।
कंचनपुर के सीडीओ राम प्रसाद पांडेय ने भारत से सहयोग के लिए सीमा पार से अवैध मानव आवाजाही, विस्फोटक पदार्थ, अवैध हथियार, शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने एवं अवैध गतिविधियों आदि पर लगाम लगाने के लिए सहयोग की मांग की। 13 मई को नेपाल में चुनाव पश्चिम से लेकर पूर्व सीमा तक संपूर्ण राष्ट्र में होने हैं। इसके लिए उन्हे भारतीय प्रशासन का पूर्ण सहयोग चाहिए। साथ ही वन्य मार्गों से अवैध गतिविधियों पर भी विशेष मुस्तैदी रखने पर चर्चा की गई।
चम्पावत डीएम विनीत तोमर ने मां पूर्णागिरी मेले में आने वाले नेपाली नागरिकों एवं भारतीय श्रृद्धालुओं के बाबा सिद्ध मंदिर में जाने जैसे अनेक मुद्दों के लिए आपसी समन्वय की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल मैत्री बस सेवा से संबंधित कुछ मुद्दों का समाधान भी किया जाए। मैत्री बस सेवा के नाम पर अवैध वाहनों का संचालन किया जाता है।
जिनको रोकने के लिए कार्रवाई की जाए। साथ ही साथ एसपी देवेन्द्र पींचा ने भी पुलिस से संबंधित मुद्दों को बैठक में रखा। जिसमे अवैध नेपाली वाहन एवं आपराधिक गतिविधियों में जेल बंद व्यक्तियों की रिहाई तथा अवैध व्यापारिक वस्तुओं की बिक्री जैसे कई मुद्दों को लेकर चर्चा की। गौरतलब है कि भारत हमेशा से अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए जाना जाता है।
भारत खास तौर पर नेपाल और भूटान की मदद के लिए भारत हमेशा से तत्पर रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्ष में भारत और नेपाल के संबंधो में कड़वाहट देखने को मिली है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की भारत, आने वाले निकाय चुनाव में नेपाल की मदद कैसे करता है, और उससे इन दोनों देशों के सबंधों में कितना सुधार होगा।