इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने असम के तिनसुकिया जिले में 15 फीसदी मेथनॉल (Methanol) के मिश्रण वाले पेट्रोल (Petrol) M15 को प्रायोगिक (पायलट) तौर पर उतारा है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने नीति आयोग (Niti Aayog) के सदस्य वी के सारस्वत और आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य की उपस्थिति में शनिवार को एम15 पेट्रोल जारी किया है. तेली ने कहा कि मेथनॉल के मिश्रण से ईंधन (Fuel) की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि एम15 को प्रायोगिक तौर पर जारी करना ईंधन के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक अहम कदम है और इससे आयात का बोझ भी घटेगा.
एक आधिकारिक वक्तव्य में मंत्री के हवाले से कहा गया कि ऊर्जा के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईओसी कदम उठा रही है. इस पहल के लिए तिनसुकिया का चयन यहां मेथनॉल की सुगम उपलब्धता को देखते हुए किया गया जिसका उत्पादन असम पेट्रोकेमिकल लिमिटेड करती है.
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से लोग परेशान
आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से आम जनता का बजट बिगड़ रहा है. ऑटो फ्यूल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है. देश में पहली बार पेट्रोल और डीजल के रेट ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार किया है. इसलिए अब सरकार की कोशिश है कि किसी भी तरह से पेट्रोल-डीजल की निर्भरता को कम किया जा सके. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि सरकार अगले छह-आठ महीनों में सभी वाहन विनिर्माताओं से यूरो-छह उत्सर्जन मानदंडों के तहत फ्लेक्स-ईंधन इंजन बनाने के लिए कहेगी.
फ्लेक्स-ईंधन या लचीला ईंधन, गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने आगे कहा था कि अगले 15 वर्षों में भारतीय वाहन उद्योग 15 लाख करोड़ रुपये का होगा.
फ्लेक्स इंजन में एक तरह के फ्यूल मिक्स सेंसर यानी फ्यूल ब्लेंडर सेंसर का इस्तेमाल होता है. यह मिश्रण में ईंधन की मात्रा के अनुसार खुद को एड्जेस्ट कर लेता है. जब आप गाड़ी चलाना शुरू करते हैं, तो ये सेंसर एथेनॉल, मेथनॉल और गैसोलीन का अनुपात, या फ्यूल की अल्कोहल कंसंट्रेशन को रीड करता है.