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“दस सालों में किस तरह बदली है वाराणसी? इस बार PM मोदी से काशीवासियों की क्या अपेक्षाएं हैं?”

by Nikhil

वाराणसी के नागरिक बद्री विशाल नामक कवि यह कविता प्रस्तुत करते हैं- “किसकी नियत सच्ची, किसकी में छल की चाल।
एक गलत वोट भी, कर देता देश को मायूस।

“देश में आम चुनाव हो रहे हैं, जिसमें 543 सीटों पर बहुत सारी निगाहें हैं, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान वाराणसी सीट पर है। यहाँ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि पिछले 10 सालों में PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में क्या-क्या बदलाव आये हैं। इस बार PM मोदी से काशीवासियों की क्या अपेक्षाएं हैं?”

नागरिक आशुतोष चतुर्वेदी बताते हैं कि विकास की वजह से बनारस में श्रद्धालु और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। उनके होटल में बुकिंग की मात्रा में भी अब बड़ी वृद्धि हुई है। और यहाँ के युवा भी अब आने लगे हैं। रोड, सफाई, घाट, रिंग रोड का विकास हुआ है और घाटों पर दिन में दो बार सफाई होती है। गंगा का पानी पहले से शुद्ध हो गया है और काशी की पहचान गंगा और यहाँ के घाटों से है। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा के शुद्धिकरण की योजना के साथ-साथ घाटों का विकास और विस्तार किया।

नागरिक गोपाल दत्ता बताते हैं कि पहले रोजगार की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन अब पानी बेचकर कमाई हो जाती है। मोदी के आने के बाद जो विकास हुआ, उससे मेरी कमाई बढ़ी है। काशी में पर्यटन रोजगार का बड़ा माध्यम है। इसके अलावा, नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए उद्योग-धंधों में भी काम हुआ है। हाल ही में वाराणसी में शुरू हुए अमूल के डेयरी ने नए अवसर पैदा किए हैं।

पर्यटक सुनील मिश्रा बताते हैं कि पहले और अब के बनारस में बहुत फर्क है। बनारस का पूरा नवीनीकरण हो चुका है। लोगों में जागरूकता आयी है और इसके लिए वर्तमान सरकार ने बहुत काम किया है। एक सक्षम शासन जब आता है, तब शहर का विस्तार भी हो जाता है। ये सरकार पूरी तरह परफेक्ट काम कर रही है। वाराणसी में बहुत काम हुआ है, बस देखने का नजरिया है।

 

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