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जंगलों में आग की घटनाओं की वृद्धि हो रही है, और इसके परिणामस्वरूप वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी छुट्टियों में बदलाव करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

by Nikhil

वर्तमान वनाग्नि सत्र के दौरान, वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर अब एक निर्णय लिया गया है कि विशेष परिस्थितियों को छोड़कर छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी।

उत्तराखंड के जंगलों में आग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, शासन ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर अब तक ताला लगा दिया है। प्रमुख सचिव वन रमेश कुमार सुधांशु ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

आदेश में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान वनाग्नि सत्र के दौरान यह निर्देश लागू रहेगा और विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी। शासन ने भी यह आदेश जारी किया है कि जंगलों में आग नियंत्रण में लापरवाही करने पर संबंधित वन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

व्यापक संवेदनशीलता के साथ, संवेदनशील वन प्रभागों के क्रू-स्टेशनों पर क्रू-टीमों को उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। किसी भी स्थानीय क्रू-स्टेशन पर मैन पावर और आवश्यक उपकरण की कमी नहीं होनी चाहिए। जंगली आग की रोकथाम के लिए स्थानीय जनसमुदाय का सहयोग भी लिया जाना चाहिए। स्कूल और कॉलेजों में बैठकें आयोजित की जानी चाहिए ताकि छात्र-छात्राओं को वनाग्नि की रोकथाम के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके।

वनाग्नि की रोकथाम को लेकर पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। साथ ही, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया है कि वन विभाग के अधिकारियों की बैठक में जंगलों में आग की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

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