एक अवैध धंधे के तहत बिहार में फर्जी स्टांप पेपरों की तैयारी की गई थी, जो यूपी में बेचे जाते थे। इस मामले में, कागजात की आपूर्ति रद्दी से की जाती थी, लेकिन अब तक स्पष्ट नहीं है कि यह रद्दी बंगाल से या फिर महाराष्ट्र के नासिक से आती थी। पुलिस अब उस शातिर रविंद्र की तलाश में है, जो पिछले कई सालों से इस अवैध धंधे में शामिल था। उसके पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इन कागजों और इंक की आपूर्ति कहां से हो रही थी।
कमरुद्दीन, जो पुलिस के द्वारा एक बार पकड़ा गया था, पिछले कई वर्षों से इस धंधे में शामिल था। इसे बिहार पुलिस ने कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सबूत ही नहीं मिले। जिसके कारण, इस अवैध धंधे को बढ़ावा मिलता रहा। इसके बाद, यह धंधा उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक पहुंचा।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में अभी भी कुछ खुलासे बाकी हैं, जैसे कि कागजों की आपूर्ति की जगह। जांच जारी है, ताकि अवैध धंधे के लोगों को गिरफ्तार किया जा सके।