बच्चे कई बार लाड प्यार में बहुत ज़्यादा बिगड़ जाते हैं और धीरे धीरे अपने पेरेंट्स की बातों को अनसुना करने लगते हैं। हद तो तब हो जाती है जब बच्चे अपने अभिभावकों की कोई बात नहीं सुनते हैं और हर छोटी बड़ी चीज़ के लिए ज़िद करते हैं। इस तरह की हरकत 5 से लेकर 8 साल तक के बच्चों में खूब देखने को मिलती है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए कई बार दुविधा भरी स्थिति खड़ी हो जाती है और वे सोच में पड़ जाते हैं कि बच्चों को बिना डांट फटकार के सही रस्ते पर कैसे लाया जाए। अगर आप भी पेरेंटिंग के इस मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आप अपने बच्चों के ऊपर बिना चिल्लाए या हाथ उठाएं उन्हें कैसे समझा सकते हैं:
इन टिप्स को करें फॉलो:
बचपन से ही समय की कदर करना सिखाएं: अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा डिसिप्लिन बने तो सबसे पहले उनके जीवन में अनुशासन लाएं। जब आपका बच्चा कोई भी काम तय रूटीन के हिसाब से करेगा तो वह दूसरों की इज़्ज़त भी करेगा और उसके अंदर डिसिप्लिन भी आएगी।
सही और गलत के बीच फर्क बताएं: अगर आपका बच्चा कुछ गलत कर रहा है तो उसे तुरंत टोकें और अगर कुछ अच्छा कर रहा है तो उसकी तारीफ ज़रूर करें। दरअसल, बच्चों के नेगेटिव व्यवहार के लिए डाटना और उनके पॉजिटिव व्यवहार की तारीफ ना करना, उन्हें ज़िद्दी बनाती है।
चीज़ों को शेयर करना सिखाएं: अपने बच्चे को ‘शेयरिंग इज़ केयरिंग’ मोरल के साथ बड़ा करें। अगर उसके अंदर ये आदत होगी तो वह दूसरे बच्चों या बड़ों के साथ चीज़ों को आसानी से साझा कर पायेगा और ये आदतें उसे ज़िद्दी बनाने से रोकने में मदद करेंगी।
बच्चे की हर फरमाइश न करें पूरी: लाड प्यार की वजह से बच्चे की घर में कपड़ों से लेकर खिलौनों हर फरमाइश पूरी होती है। इस वजह से वो बहुत ज़्यादा ज़िद्दी हो जाते हैं और फिर हर चीज़ की डिमांड करते हैं। अपनी मन पसंद चीज़ को पाने के लिए बच्चे मॉल या शॉप पर में ज़मीन पर लेटने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अपने आप पर धैर्य रखें और उन्हें समझाएं। यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि उन्हें हर चीज़ की वैल्यू करना आए इसलिए उनकी बेफिज़ूल की हर फरमाइश पूरी न करें।
बच्चों के साथ समय बिताएं: अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी बात सुनें, आपका कहना माने तो सबसे पहले उसके लिए समय निकालें। उसके साथ खेलें और उससे खूब बातें करें। इससे वह आपको अपने सबसे करीब पायेगा और आपकी बातें भी मानेगा