पश्चिम बंगाल में आधार ( Aadhar ) कार्ड नंबर और फिंगरप्रिंट की जानकारी की मदद से विभिन्न ग्राहकों के बैंक खातों से बिना उनकी जानकारी के लाखों रुपए निकाले जाने का मामला सामने आया है. ऐसा ही एक साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) का मामला हावड़ा में सामने आया है. इसे लेकर हावड़ा पुलिस के होश उड़ गए हैं. हावड़ा साइबर क्राइम पुलिस को पहले ही विभिन्न सार्वजनिक और निजी बैंकों के ग्राहकों से धोखाधड़ी की कई शिकायतें मिल चुकी हैं, लेकिन पुलिस यह पता नहीं लगा पाई कि आधार कार्ड जैसे सुरक्षित पहचान पत्र का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी कैसे हो रही है. हावड़ा के पुलिस (Howrah Police) आयुक्त सी सुधाकर ने कहा, ‘इस मुद्दे ने हमें खास तरह से सोचने पर मजबूर कर दिया है. आरोपों की जांच की जा रही है.’
सरकार बिना एटीएम कार्ड वाले ग्राहकों के फिंगरप्रिंट और व्यक्तिगत पहचान संख्या (पिन) की मदद से बैंकों से पैसे निकालने और भेजने की व्यवस्था शुरू करने जा रही है. उसके ठीक पहले आधार कार्ड में फिंगरप्रिंट की जानकारी का उपयोग कर ग्राहक की जानकारी के बिना खाते से पैसे निकालने की घटना से साइबर अपराध विभाग में हड़कंप मच गया है,.
आधार कार्ड पर फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर बैंक से उड़ाए पैसे
बांग्ला समाचार पत्र आनंदबाजार में प्रकाशित खबर के अनुसार कुछ सप्ताह पहले लिलुआ के बेलगछिया जी रोड निवासी श्रीकांत घोष के दो सरकारी बैंकों के खातों से 20 हजार रुपये गायब हो गए थे. उन्होंने कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर दो अलग-अलग खातों से पैसे निकाले गए. जब उन्होंने दोनों बैंकों से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि किसी ने उनके आधार कार्ड पर फिंगरप्रिंट जानकारी का उपयोग करके ऐसा किया है. नियम के मुताबिक युवक का बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक है. युवक ने कहा, ”बैंक के मुताबिक माइक्रोफाइनेंस सिस्टम या आधार कार्ड पर फिंगरप्रिंट की जानकारी का इस्तेमाल कर पैसा निकाला जा सकता है.”
पुलिस ने पूरे मामले की शुरू की जांच, बैंक से कर रही है तहकीकात
इस मामले में इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं जालसाजों ने इस तरह से पैसे कैसे निकाले. क्या उनके पास मेरी उंगलियों के निशान हैं. अगर वे कोई अपराध करते हैं और अपनी उंगलियों के निशान वहां छोड़ देते हैं, तो मैं खतरे में पड़ जाऊंगा. “हालांकि, दो राज्य के स्वामित्व वाले बैंक अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. युवक ने बताया कि 31 मार्च की शाम उसके ईमेल में एक मैसेज आया. इसे पढ़ते ही धोखाधड़ी के बारे में जान मिली. हावड़ा सिटी पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे विभिन्न सरकारी और निजी बैंकिंग अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं. शुरुआती जांच के मुताबिक पुलिस का मानना है कि बैंकों की किसी गलती की वजह से इस तरह की धोखाधड़ी हो रही है. इससे पहले खुफिया पुलिस ने उत्तर प्रदेश में एक गिरोह को गिरफ्तार किया था, जिन लोगों ने अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड का इस्तेमाल किया है, उन्होंने इस तरह की धोखाधड़ी की है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हावड़ा में हाल की घटनाओं का आपस में कोई लेना-देना है.