पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के काशीपुर में बीजेपी के मृत कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया (Bengal BJP Worker Death) का मामला अब कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) पहुंच गया है. मृतक के परिजनों न कलकत्ता हाईकोर्ट से फरियाद की है और मृतक के पोस्टमार्टम फिलहाल रोकने की मांग की है. मृतक की मां शुक्रवार को वकील और बीजेपी नेता प्रियंका टिबरेवाल के साथ अदालत पहुंचीं और मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अदालत में पोस्टमार्टम रोकने की फरियाद की. बता दें कि आज सुबह अर्जुन चौरसिया का शव फंदे से लटकता हुआ मिला था. बीजेपी राजनीतिक हिंसा (West Bengal Political Violence) का आरोप लगा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद मृतक के घर पहुंचे और राजनीतिक हिंसा करार देते हुए सीबीआई जांच की की जरूरत बताई और इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी सरकार से आज ही रिपोर्ट तलब की है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के काशीपुर रेलवे क्वार्टर की एक परित्यक्त इमारत से अर्जुन चौरसिया नाम के जिस 26 साल के भाजपा कार्यकर्ता का शव फंदे से लटका हुआ मिला था.
मृतक का शव जबरन उठा कर ले गई थी पुलिस
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार सुबह अर्जुन चौरसिया का फंदे से लटका हुआ शव बरामद किया गया है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या हुई है. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को भी घेर कर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. यहां तक कि पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने की कोशिश कर रहे पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा है, लेकिन बाद में पुलिस जबरन शव को उठा ले गयी और शव को आरजीकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके पोस्टमार्टम की तैयारी की जा रही है. बीजेपी का आरोपी तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने चौरसिया को मौत के घाट उतारा है. उत्तर कोलकाता जिले के भाजपा अध्यक्ष कल्याण चौबे ने दावा किया है कि अर्जुन चौरसिया के नेतृत्व में पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सरकार के खिलाफ बाइक रैली निकालने वाली थी. यह बात तृणमूल कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरी इसलिए अर्जुन को मौत के घाट उतारा गया है.
अमित शाह ने भी पैनल की निगरानी में पोस्टमार्टम करने की कही बात
West Bengal | Union Home Minister Amit Shah met the family of BJYM leader Arjun Chowrasia, in Kashipur.
He was found dead today in Kashipur. pic.twitter.com/98YvLcvx5X
— ANI (@ANI) May 6, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मृतक का पोस्टमार्टम पैनल में वीडियोग्राफी की निगरानी में होनी चाहिए. उन्होंने पूरी घटना को राजनीतिक हिंसा करार देते हुए कहा कि कोर्ट को भी पुलिस और प्रशासन पर भरोसा नहीं है. इस कारण पूरे देश में बंगाल में ही इतने अधिक मामले सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है. यह सिफारिश खुद कोर्ट ने की है.