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West Bengal: 4 बांग्लादेशी मछुआरों को BSF ने किया गिरफ्तार, मानवीयता के चलते बांग्लादेश को सौंपा

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भारत-बांग्लादेश की सीमा (IndiaBangladesh Border ) पर मुर्शिदाबाद जिले में 2 मई को 35 वीं वाहिनी की सीमा चौकी मदनघाट के मुस्तैद बीएसएफ (BSF) जवानों ने भारतीय सीमा में घुस आए 4 बांग्लादेशी मछुआरों को हिरासत में ले लिया. ये मछुआरे ईएफसीबी बोट से पद्मा नदी में मछली पकड़ने आये थे और भारतीय सीमा में घुस आए थे. हिरासत में लिए गए मछुआरों (Bangladeshi Fisherman) की पहचान रबीउल हुस्सैन ( उम्र 26 वर्ष) पिता आजाद हुसैन, रराफिमुल इस्लाम (उम्र 38 वर्ष ), पितारोहिल अमीन, गांवबेपरापारा, थाना दमकुरा, जिलाराजशाही (बांग्लादेश) तथा सुजीद बिस्वास (उम्र 26 वर्ष), पितागणेश बिस्वाश , दीपक बिस्वाश, पितासिथिनाथ बिस्वाश, गांव बेलिया इथामपुर, थानापैकगचा जिलाखुलना (बांग्लादेश) के रूप में हुई है, लेकिन बाद में इन्हें मानवीयता के आधार पर बांग्लादेश को सौंप दिया.

बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि पूछताछ में सभी ने स्वीकारा कि वे सभी ज्यादा मछली पकड़ने के लालच में भारतीय सीमा में घुस गए थे. अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करते समय उन्हें ड्यूटी पर बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पकड़ लिया.

बीएसएफ ने मानवीयता के आधार पर बीजीबी को सौंपा

बीएसएफ के बयान के अनुसार चारों मछुआरों तथा ईएफसीबी बोट की जांच करने के बाद किसी पूर्व अपराध में लिप्त न होने के कारण सभी को मानवीय तथा सद्भावना के आधार पर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया. सतीश कुमार डोगरा, 35 वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है. पकड़े गए लोगों के अपराध की गंभीरता को देखते हुए और दोनो देशों के बॉर्डर गार्डिंग फोर्से के आपसी सहयोग और सद्भवाना को बनाये रखने के लिए कुछ निर्दोष बांग्लादेशियों को सकुशल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया जाता है.

युवती ने खाया जहर, BSF ने सही समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचायी जान

दूसरी ओर, मुर्शिदाबाद में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की 86 वीं बटालियन के जवानों ने शिकारपुर गांव के एक युवती अनीता महतो (काल्पनिक नाम) (उम्र 15 वर्ष), ने पारिवारिक समस्या की वजह से ज़हर खा लिया था. अस्पताल ले जाने की लिए उसके परिजनों ने बीएसएफ की सीमा चौकी शिकारपुर के कंपनी कमांडर से मदद मांगी तो उन्होंने बिना कुछ देरी किये अपनी एम्बुलेंस एक नर्सिंग सहायक के साथ अनिता महतो के घर भेजी तथा करीमपुर अस्पताल में इलाज के लिए भिजवाया. युवती की स्थिति ठीक बतायी जा रही है. अनीता महतो (काल्पनिक नाम) के भाई ने सीमा सुरक्षा बल का आभार प्रकट किया और कहा की अगर बीएसएफ सही समय पर सहायता नही करती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी और जिसके कारण उसकी मृत्यु भी हो सकती थी. सुरेन्द्र कुमार, कमांडिंग ऑफिसर, 86 वीं बटालियन ने जवानों के इस सराहनीय कार्य पर खुशी जताई और कहा कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के साथसाथ सीमा वासियों के हर सुख दुख में साथ रहती है, जिससे सीमा सुरक्षा बल और आम जनता के बीच और मधुर संबंध स्थापित हो सकें.

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