देशभर में मंगलवार को अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को सड़कों पर धार्मिक आयोजन न करने के लिए प्रदेशवासियों की सराहना की है (Religious Events on Roads). योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ”आज उत्तर प्रदेश में अनेक धार्मिक आयोजन सकुशल संपन्न हुए हैं. इन्हें सड़कों पर न आयोजित कर प्रदेशवासियों ने एक अच्छी पहल की है. स्वस्थ व समरस समाज हेतु आस्था का सम्मान एवं कानून का शासन साथ-साथ होना आवश्यक है. यही प्रदेश के विकास व नागरिकों के स्वावलंबन का आधार बनेगा. सभी का अभिनंदन.”
अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार है जब सड़कों पर ईद की नमाज नहीं अदा की गई. लोनी और हापुड़ में जगह की कमी के कारण पाली में नमाज अदा की गई. अधिकारियों ने यह भी बताया कि पिछले साल तक लगभग 50,000 से एक लाख लोग सड़कों पर नमाज अदा करते थे. इससे एक दिन पहले एडीजी ने कहा था कि ईद में 7436 ईदगाह और 19,949 मस्जिदों समेत कुल 31151 जगहों पर नमाज अता की जाएगी. संवेदनशीलता के आधार पर 2846 स्थानों के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है. धर्मगुरुओं के साथ लोगों के साथ हमारी बैठक हो चुकी हैं. अब तक सहमति के आधार पर 60,178 स्पीकर हटाए जा चुके हैं. उतने ही लाउडस्पीकर की आवाज भी कम की जा चुकी है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने व्यापक प्रबंधन करने के दिए थे निर्देश
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा था कि नमाज के दौरान पशुओं का आवागमन न हो, उसके लिए भी व्यापक प्रबंधन करने के लिए सभी जनपदों को अवगत कराया जा चुका है. इसके अलावा साजिश के तहत किसी तरह की घटना करके धार्मिक स्थानों को कोई क्षति न पहुंचाया जाए, ये भी देखा जा रहा है. लोगों ने ईदगाहों में नमाज़ पढ़ी तो परशुराम जयंती पर विविध संगठनों ने शांतिपूर्ण आयोजन भी किए. प्रदेश के सभी 75 जिलों से हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मनाए जाने की सूचना है. बीते दिनों, सीएम योगी ने अधिकारियों को ईद, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने पर पुलिस/प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहने को कहा था. साथ ही, सड़क पर यातायात रोक कर नमाज़ पढ़ने से सामान्य जन को होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए इस बावत धर्मगुरुओं से संवाद बनाने के निर्देश भी दिए थे.