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UP: आग से बची तो नहर के पानी में डूबी गेहूं की फसल, माइनर कटने से 21 बीघा जलमग्न; किसानों की लाखों की लागत बर्बाद

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao) में इन दिनों आग ने अपना तांडव मचा रखा है. तकरीबन सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई है. गेहूं की फसल में आग लगने का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि नहर विभाग की लापरवाही के चलते नहर की माइनर कटी और कई बीघा गेहूं की फसल पानी में जलमग्न हो गई. जैसे ही नहर के माइनर कटने की सूचना किसानों को मिली, वैसे ही किसान खेतों की तरफ भागे देखा कि उनकी गेहूं की फसल डूबी हुई है. नहर विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया तो वहां पर कोई सुनने वाला नहीं था. फिर खुद किसानों ने गहरे पानी में उतर कर माइनर को पल्ली और बांस बल्ली के सहारे बंद किया.

शारदा नहर की पुरवा ब्रांच में सैकड़ों गांवों को खेतों के लिए पानी मिलता है, लेकिन इस समय गेहूं की कटाई चल रही है. अचानक नहर आने से माइनर की खान दी कट गई. जिससे तकरीबन 21 बीघे गेहूं की फसल पूरी तरीके से जलमग्न हो गई. कुछ खेतों में गेहूं के कट्टे बोझ रखे हुए थे तो कुछ फसलें अभी खड़ी हुई थी खेतों में पानी भरने से गेहूं के बोझ पानी में तैरने लगे.

बांस-बल्ली से माइनर के तेज बहाव को रोका

बताते चलें कि शारदा नहर की पुरवा ब्रांच में पानी छोड़े जाने से जलगांव माइनर पंचम खेड़ा गांव के निकट पानी का वेग तेज होने के चलते यह खादी कटी थी. गेहूं के कट्टे भोज व फसल के अलावा जानवरों का भूसा भी पूरी तरीके से पानी में जलमग्न हो गया. किसान यह देखकर सन्न रह गए, क्योंकि किसानों के खून पसीने और मेहनत पूरी तरह पानी में डूब चुकी थी. किसान परेशान हो गए. वहीं, जब नहर विभाग के अधिकारियों को संपर्क करने की कोशिश की तो किसी से बात नहीं हो सकी. फिर किसानों ने खुद गहरे पानी में जाकर बांस बल्ली से माइनर के तेज बहाव को रोका.

लाखों की लागत गई पानी में

नहर के पानी से तकरीबन आधा दर्जन से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं, जिनमें से राजबहादुर के 2 बीघा बोझ हुआ 3 बीघे का भूसा जलमग्न हुआ. वहीं, अमृतलाल के गेहूं के आठ बोझ पानी में तैरते रहे, सजीवन लाल की 1 बीघा, कमलेश कुमार की 2 बीघा, राजबहादुर के 2 बीघा फसल पूरी तरीके से जलमग्न हो गई. इन किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल में लाखों की लागत लगी थी, लेकिन इस नहर के पानी ने सब चौपट कर दिया.

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