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TMC की जीत के एक सालः 2036 तक बंगाल की सीएम रहेंगी ममता बनर्जी, फिर मुख्यमंत्री बनेंगे अभिषेक; बोले कुणाल घोष

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) ने साल 2011 में 34 सालों के वाममोर्चा शासन को पराजित कर राज्य में ‘मां, माटी, मानुष’ की सरकार बनाई थी. उसके बाद लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. साल 2021 के विधानसभा चुनाव ममता बनर्जी ने बीजेपी को करारी शिकस्त देते हुए फिर से तीसरी बार सीएम पद पर आसीन हुई थी. अब टीएमसी के प्रवक्ता और पूर्व सांसद कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने टीएमसी की जीत की पहली सालगिरह पर दावा किया है कि ममता बनर्जी साल 2026 तक राज्य की मुख्यमंत्री रहेंगी और उसके बाद अभिषेक बनर्जी मुख्यमंत्री बनेंगे, जब अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उस समय ममता बनर्जी अभिभावक के रूप में शपथ समारोह में उपस्थित रहेंगी. कुणाल घोष ने अपने लंबे फेसबुक पोस्ट में यह दावा किया है.

कुणाल घोष ने ममता बनर्जी द्वारा जीत की पहली वार्षिकी पर किए गये ट्वीट और सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा किए गए ट्वीट को रिट्वीट किया है और तृणमूल कांग्रेस सरकार की तीसरी बार जीत की पहली वर्षगांठ पर बधाई दी है.

साल 2036 तक सीएम रहेंगी ममता बनर्जी, ज्योति बसु का तोडेंगी रिकार्ड

कुणाल घोष ने लिखा, “2021 की लड़ाई ने जमीनी स्तर पर काफी बदलाव किया है. नई ऊंचाई दी. लोगों ने पहचान लिया है कि खतरे का मतलब क्या था और इस जीत से लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है. तृणमूल कांग्रेस के सिपाही के तौर पर मैं कह सकता हूं कि ममता बनर्जी 2036 तक बंगाल की मुख्यमंत्री होंगी और उस 2036 में वह उस समारोह में अभिभावक के रूप में मौजूद रहेंगी, जहां अभिषेक मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में ज्योति बसु के रिकॉर्ड को तोड़कर भारत में एक मिसाल कायम करेंगी. लेकिन अगर उन्हें दिल्ली और देश की जिम्मेदारी लेनी है, तो स्थिति अलग होगी. तृणमूल कांग्रेस परिवार जनोन्मुखी और जिम्मेदार व्यवहार इस गणना को हकीकत में बदलने की ताकत रखता है.

पार्टी कार्यकर्ताओं को कुणाल घोष ने दी बधाई

उन्होंने लिखा, ” इस बड़ी जीत को लोगों के विश्वास और हम जैसे साधारण सैनिकों की मानसिक संतुष्टि को और आगे ले जाना होगा. प्रसन्नता के लिए कोई जगह नहीं है. आत्म-निंदा पर जोर दिया जाना होगा. पार्टी बड़ी है, सरकार बड़ी है, जीत ज्यादा है, जिम्मेदारियां ज्यादा हैं, काम ज्यादा है. 99% अच्छा काम हो रहे हैं. 1% गलत हो रहा है. 2021 के चरम जोखिम की लड़ाई में वीरता से लड़ने वाले कार्यकर्ता, समर्थक, आयोजक, उनका सम्मान, सम्मान, अधिकार की भावना वास्तव में अद्वितीय है. पार्टी में राजनीतिक जागरूकता को प्राथमिकता दें. अगर सत्ता में बने रहने के लिए चंद लोगों में निजीकरण के प्रशासनिक फायदे-नुकसान को प्राथमिकता दी जाए तो यह बेकार है.”

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