तमिलनाडु के तंजावुर जिले (Thanjavur District) में कल उस समय बड़ा हादसा हो गया जब मंदिर का रथ लाइव वायर के संपर्क में आ गया, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य लोग घायल हो गए हैं. पुलिस का कहना है कि यह घटना (Thanjavor Temple Chariot Tragedy) उस वक्त हुई, जब लोग जिस मंदिर की पालकी के साथ खड़े थे, वह कालीमेडु के अप्पर मंदिर में हाई-ट्रांसमिशन लाइन के संपर्क में आ गई. जिसके बाद तुरंत आग लग गई. देश में हादसों की वजह से होने वाली मौत के मामलों में करंट से होने हादसे भी बड़ी वजह हैं. हर साल हजारों लोगों की मौत बिजली के संपर्क (Electrocution) में आने से हो जाती है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से पिछले साल 2021 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में हादसों की वजह से होने वाली होने वाली मौत के मामले में बिजली के झटकों से होने वाली मौत का आंकड़ा छठे नंबर पर है. सबसे ज्यादा मौत सड़क हादसों की वजह से होती है. एनसीआरबी के आंकड़ों में अन्य कारणों से होने वाली मौत जैसे ‘एयर क्रैश’, ‘घुटन’, ‘भगदड़’ ‘डूबना’, ‘अचानक होने वाली मौतें’, ‘जहर’ और ‘बिजली की चपेट’ में आने की वजह में हादसों में 2019 की तुलना में वृद्धि हुई है.
एक साल में बिजली की वजह से 13 हजार से ज्याादा लोगों की मौत
एनसीआरबी के अनुसार, सड़क हादसों की वजह से सबसे ज्यादा 39.1 फीसदी मौत होती है, तो इसके बाद सडन डेथ (13.3%), डूबने की वजह से (9.9%), जहर (5.9%) और गिरने की वजह से (5.5%) सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. बिजली के झटकों से 3.6% लोगों की मौत होती है और इस लिस्ट में छठे नंबर पर है. अचानक आग लगने से होने वाली मौत का आंकड़ा 2.4% तो प्राकृतिक वजहों से 2.0% लोगों की मौत हो जाती है. साथ ही कुल हादसों में मरने वाले 18.2% लोगों की अन्य कई हादसों की वजहों से मौत होती है.
देश में बिजली से होने वाले हादसों में मरने वालों की संख्या में 2019 की तुलना में 2020 में वृद्धि भी हुई है. 2019 में जहां 13,432 लोगों की मौत हुई थी तो वहीं 2020 में बढ़कर यह आंकड़ा 13,446 तक पहुंच गया. 2020 में बिजली की वजह से 13,433 हादसे हुए जिसमें 11,402 पुरुष तो 2,043 महिलाओं की मौत हो गई. एक ट्रांसजेंडर की इस हादसे में मौत हुई. जबकि 245 लोग हादसे में घायल भी हुए.
मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र में बिजली से जुड़े हादसे सबसे अधिक
बिजली से होने वाले हादसों के बारे में राज्यवर आधार पर देखा जाए तो 2020 में सबसे ज्यादा हादसे मध्य प्रदेश (2419), महाराष्ट्र (1486), उत्तर प्रदेश (1338), राजस्थान (1263) और आंध्र प्रदेश (1011) में हुए हैं. जबकि तमिलनाडु में इस दौरान 627 हादसे हुए.
केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा इस तरह के हादसे हुए हैं. अकेले दिल्ली में 52 हादसे हुए जिसमें 47 लोगों की जान चली गई. इसके बाद जम्मू-कश्मीर का नंबर आता है, जहां 23 हादसे हुए और 21 लोग मारे गए. जबकि सिक्किम देश का ऐसा अकेला राज्य है जहां पर सालभर में बिजली से जुड़ा एक भी हादसा नहीं हुआ. जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में लद्दाख और लक्षद्दीप में भी एक भी मामला सामने नहीं आया.