यरूशलम । पूर्वी यरूशलम में इजरायली सेना की जांच चौकी पर फलस्तीनी हमलावर बंदूकधारी ने शनिवार रात गोलीबारी करके एक महिला सैनिक के अलावा तीन अन्य लोगों को घायल कर दिया। सेना ने रविवार को तड़के बताया कि घायल 19 वर्षीय महिला सैनिक की मौत हो गई है। हमले में शामिल होने के संदेह में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
इजरायल में सुकौत की हफ्तेभर की छुट्टियां शुरू होने में महज 24 घंटे का वक्त बचा है। इस दौरान हजारों यहूदी यरूशलम आते हैं। इस बीच पूर्वी यरूशलम के शुआफात शरणार्थी शिविर के पास स्थित जांच चौकी पर शनिवार रात को गोलीबारी हुई। पुलिस ने बताया कि हमलावर एक कार से निकला और गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें एक महिला सैनिक और एक सुरक्षा कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
सेना ने रविवार को बताया कि घायल 19 वर्षीय महिला सैनिक की मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक गोलीबारी में अर्द्ध सैन्य सीमा पुलिस इकाई के दो सदस्य मामूली रूप से घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि विशेष बलों और एक हेलीकॉप्टर की मदद से हमलावर की तलाश की जा रही है। हमले में शामिल होने के संदेह में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
इजरायल के प्रधानमंत्री याइर लापिद ने कहा कि हमारी संवेदनाएं घायलों और उनके परिवार के साथ हैं। आतंकवाद हमें शिकस्त नहीं दे पाएगा। हम मुश्किल की इस घड़ी में भी मजबूत हैं। इजराइल ने 1967 के युद्ध में पूर्वी यरूशलम पर कब्जा जमाया था। वह पूर्वी यरूशलम समेत पूरे शहर को क्षेत्र के सबसे अधिक महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों का घर मानता है। फलस्तीनी पूर्वी यरूशलम को भविष्य के अपने देश की राजधानी मानते हैं। इजरायल देश में फलस्तीन के घातक हमलों के बाद से ही वेस्ट बैंक में आए दिन गिरफ्तारियां कर रहा है। इजरायली सेना की ज्यादातर गतिविधि फलस्तीनी शहर जेनिन और उत्तरी वेस्ट बैंक के नैबलुस में केंद्रित है।
इससे पहले शनिवार को कुछ घंटे पहले ही वेस्ट बैंक में इजरायली सेना की कार्रवाई में दो फलस्तीनी किशोरों की मौत हो गई थी। यह शिविर फलस्तीनी उग्रवादियों का गढ़ माना जाता है। फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजराइली सेना की कार्रवाई में दो लोगों की मौत और 11 अन्य के घायल होने की जानकारी दी है। घायलों में से तीन की हालत गंभीर है। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मृतकों की पहचान 18 वर्षीय महमूद अल-सौस और 16 वर्षीय अहमद दाराघमेह के रूप में की गई है।
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रामल्लाह । पूर्वी यरुशलम में करीब 150 फिलिस्तीनी स्कूल इजरायली पाठ्यक्रम को लागू करने के इजरायल सरकार के प्रयासों के विरोध में बंद हो गए हैं। लगभग एक लाख छात्र हड़ताल के चलते स्कूलों में नहीं गए। इजरायल सरकार स्कूलों को फिलीस्तीनी पाठ्यक्रम छोड़ कर इजरायली पाठ्यक्रम अपनाने के लिए मजबूर कर रही है।
पूर्वी यरुशलम में माता-पिता के संघ के प्रमुख जिय़ाद अल-शामाली ने कहा कि, अगर इजराइल के प्रयास सफल होते हैं, तो यरूशलेम में हमारे 90 प्रतिशत बच्चों की शिक्षा पर नियंत्रण हो जाएगा।अल शामाली के अनुसार, किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 12 तक के करीब 115,000 बच्चे यरुशलम में 280 से अधिक फिलीस्तीनी स्कूलों में पढ़ते हैं। बीती रात, वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए, जिसमें पूर्वी यरुशलम के निवासियों ने सामान्य हड़ताल की और फिलिस्तीनी पाठ्यक्रम के लिए ‘हां और इजरायली पाठ्यक्रम के लिए ‘ना लिखे पोस्टर लगाए।
जुलाई के अंत में, इजराइल ने पूर्वी यरुशलम में छह फिलिस्तीनी स्कूलों के स्थायी लाइसेंस को रद्द कर दिया था, यह कहते हुए कि, उनकी पाठ्यपुस्तकों में इजराइल और उसकी सेना के खिलाफ उकसाने वाली सामग्री है।
दशकों से, पूर्वी यरुशलम में फिलिस्तीनी स्कूलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों पर विवाद दोनों पक्षों के बीच रहा है।
फिलिस्तीनियों ने पाठ्यपुस्तकों के चुनाव में हस्तक्षेप करने और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और पश्चिमी देशों से शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने से रोकने के लिए इजराइल की आलोचना की।
1967 के मध्य पूर्व युद्ध में इजराइल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था, दोनों पर फिलिस्तीनियों का दावा है और तब से इजरायल इस क्षेत्र को नियंत्रित कर रहा है।