मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकोन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को ऋण धोखाधड़ी मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को 14 दिनों तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
सीबीआई ने आज इन तीनों की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद विशेष कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया।
ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर 23 दिसंबर को अपने दिल्ली कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों को मुंबई सीबीआई विशेष कोर्ट ने 24 दिसंबर को सीबीआई कस्टडी में भेज दिया था। इन दोनों से पूछताछ के बाद सीबीआई ने वीडियोकोन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मुंबई स्थित सीबीआई कोर्ट ने इन तीनों को सीबीआई हिरासत में भेजा था। इसके बाद बुधवार को भी इन तीनों की सीबीआई हिरासत दो दिनों के लिए बढ़ाई गई थी। आज हिरासत समाप्त होने के बाद सीबीआई ने तीनों को फिर से विशेष कोर्ट में पेश किया लेकिन कोर्ट ने तीनों को 14 दिनों तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
VENUGOPAL DHUT
वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत भी गिरफ्तार , चंदा कोचर और दीपक कोचर सीबीआई हिरासत बढ़ी
मुंबई । लोन फ्राड मामले में सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धुत को सोमवार को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर तथा उनके पति दीपक कोचर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुंबई की विशेष कोर्ट ने सोमवार को लोन फ्राड मामले में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी तथा उनके पति दीपक कोचर को तीन दिनों तक सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) कस्टडी में भेज दिया है। सीबीआई अब इन तीनों से 28 दिसंबर तक आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी।
सोमवार को चंदा कोचर और दीपक कोचर की कस्टडी खत्म होने के बाद सीबीआई ने दोनों को कोर्ट में पेश किया था। इस तरह इन तीनों को विशेष अदालत के न्यायाधीश एएस सैयद के समक्ष पेश किया गया। सीबीआई के वकील ए लिमोसिन ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं। इसलिए इस मामले में तीनों आरोपितों की आमने-सामने बिठाकर जांच जरूरी है, इसलिए सीबीआई तीन दिनों की कस्टडी दिए जाने की मांग की। इसके बाद विशेष कोर्ट ने इन तीनों को तीन दिनों तक अर्थात 28 दिसंबर तक सीबीआई कस्टडी में भेज दिया।