वेटिकन सिटी/नई दिल्ली। दुनिया में आज क्रिसमस की धूम है। गिरजाघरों को सजाया गया है। चर्चों में प्रार्थना सभा हो रही हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हुई प्रार्थना सभा में पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में शांति के आह्वान का संदेश दिया। उन्होंने उदास स्वर में कहा, आज रात हमारे दिल बेथलहम में हैं। पोप फ्रांसिस इस दौरान इजराइल और हमास के बीछ छिड़े युद्ध से चिंतित दिखे।
पोप ने कहा-‘आज रात, हमारे दिल बेथलहम में हैं। बेथलहम में युद्ध के निरर्थक तर्कों और हथियारों के टकराव से शांति के राजकुमार की आत्मा कराह रही है।’ क्रिसमस की पूर्व संध्या पर भारत के सभी चर्च रंग-बिरंगी रोशनी में डूबे रहे। मुंबई के सेंट माइकल चर्च में मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना सभा की गई। गोवा की राजधानी पणजी की सड़कें रंग-बिरंगी लाइटों से सजाई गईं। केरल के तिरुवनंतपुरम में भी ऐसा ही नजारा दिखा। देश के अन्य राज्यों के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी गिरजाघरों में सुबह से लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है।
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वेटिकन सिटी । पूर्व कैथोलिक पोप बेनेडिक्ट-16वें का 95 वर्ष की आयु में वेटिकन सिटी में निधन हो गया है। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे। वह सबसे उम्रदराज पोप में से एक थे। वह करीब आठ साल तक रोमन कैथोलिक चर्च के पोप रहे थे।
वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी ने जानकारी दी कि पूर्व पोप बेनेडिक्ट-16वें का सुबह 9 बजकर 34 मिनट पर वेटिकन के मेटर एक्लेसिया मठ में निधन हो गया। जर्मन धर्मशास्त्री रहे पोप बेनेडिक्ट पिछले 600 वर्षों में पहले ऐसे पोप थे, जिन्होंने इस्तीफा दिया था। इस सप्ताह की शुरुआत में पोप फ्रांसिस ने अपने साप्ताहिक संबोधन के दौरान खुलासा किया था कि पूर्व पोप बेनेडिक्ट ‘बहुत बीमार’ हैं और लोगों से उनके लिए प्रार्थना करने के लिए कहा था। पोप फ्रांसिस ने कहा था कि हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि वो अंत तक चर्च पर अपनी कृपा बनाए रखें।
बेनेडिक्ट 16वें का जन्म जर्मनी में हुआ था और उनका बचपन का नाम जोसेफ रैत्जिंगर था। लगभग 25 वर्षों तक कार्डिनल जोसेफ के रूप में वे बेनेडिक्ट वेटिकन के सैद्धांतिक कार्यालय के शक्तिशाली प्रमुख रहे थे। बेनेडिक्ट को 19 अप्रैल, 2005 को लोकप्रिय पोप जॉन पॉल द्वितीय के स्थान पर पोप चुना गया था। उस समय उनकी उम्र 78 वर्ष की थी और वह सबसे उम्रदराज पोप में से एक थे। वह करीब आठ साल तक रोमन कैथोलिक चर्च के पोप थे। उन्होंने 2013 में पद छोड़ दिया था और सन 1415 में ग्रेगरी-12वें के बाद इस्तीफा देने वाले पहले पोप बने थे।