लखनऊ । मधुरेन्द्र श्रीवास्तव
सन 2017 में यूपी की सत्ता में आने के बाद से योगी सरकार राजस्व संग्रह के मामले में साल दर साल रिकॉर्ड बनाती जा रही है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की पहली सरकार के पांच साल पूरा करने के बाद योगी सरकार 2.0 में भी राजस्व संग्रह के मामले में यूपी ने एक मिसाल कायम की है।
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021-22 में 98,107 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह करने वाले यूपी का राजस्व संग्रह वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,07,406 करोड़ रुपये हो गया है, जो एक रिकॉर्ड है।
मुख्यमंत्री ने मिशन मोड में राजस्व संग्रह करने को प्रेरित किया : यही वजह रही कि राजस्व संग्रह की इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 37 हजार करोड़ से अधिक का जीएसटी संग्रह हो चुका है। अब वर्ष 2023-24 के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किए जाएं।
इस सरकार ने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था। यूपी में बढ़ते हुए राजस्व संग्रह और पूरे देश में सराही जा रही कानून व्यवस्था की स्थिति के बीच योगी सरकार 2.0 में इसी साल 22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6,90,242.43 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया।
मानसून सत्र में पेश हो सकता है अनुपूरक बजट : 11 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान योगी सरकार अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी में है। यह योगी सरकार का वर्ष 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट होगा। माना जा रहा है कि योगी सरकार इस अनुपूरक बजट में उन परियोजनाओं व कार्यक्रमों के लिए धनराशि की व्यवस्था करेगी जो सन 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिहाज से अहम माने जा रहे हैं। चर्चा के मुताबिक यह अनुपूरक बजट 40,000 करोड़ रुपये का हो सकता है।