ऋषिकेश। थाना मुनि की रेती क्षेत्र अंतर्गत में स्थित रामस्वरूप आश्रम में घोड़े पर सवार जगतगुरु स्वामी ब्रह्मानंद की मूर्ति को 10-15 लोगों द्वारा तोड़फोड़ कर गंगा जी में बहा दिए जाने के बाद उनके अनुयायियों में भारी रोष उत्पन्न हो गया है। इसकी रिपोर्ट मुनी की रेती में दर्ज करा दी गई है।
मंगलवार को आश्रम के महंत रामस्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा थाने में दी गई तहरीर में कहा कि संतों की मौजूदगी में उनके गुरु जगतगुरु स्वामी परमानंद जी की घोड़े पर सवार मूर्ति की स्थापना अनुष्ठान आदि के उपरांत की गई थी।
बीती 23 दिसंबर की रात 12:00 बजे उनके आश्रम मैं मौजूद उनके कर्मचारी को डरा धमका कर झोपड़ी में बंद किए जाने के बाद हरियाणा से आए राजू सिंह, रामकुमार, कुलदीप उर्फ दीपू, नरेंद्र सिंह, दीपक उर्फ सहित 15 से 20 लोगों ने एक राय होकर आश्रम में काम करने वाले कर्मचारी राजकुमार से आश्रम के महंत रामस्वरूप ब्रह्मचारी को पूछते हुए कहा कि वह कहां है, उसे हम जिंदा नहीं छोड़ेंगे और उसे जान से मार कर गंगा जी में बहा देंगे, जब उनका विरोध किया गया तो राजकुमार का फोन छीन लिया और मूर्ति को पूरी तरह से तहस-नहस कर गंगा जी में बहा दिया, इस दौरान वह अपने मुंह पर नकाब पहने हुए थे। यह सारी घटना आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
रामस्वरूप ब्रह्मचारी ने इस मामले में तहरीर देकर अपनी जान-माल की सुरक्षा के साथ मूर्ति तोड़ने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। थाना प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि मामले की तहरीर उन्हें मिल गई है। संबंधित धाराओं में मुकदमा कर जांच प्रारंभ कर दी गई है।आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।
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