नई दिल्ली। हिंसक भीड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने के आरोप पर जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार और छह राज्यों को नोटिस जारी किया है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि तहसीन पूनावाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बावजूद गौरक्षा के नाम पर मुस्लिमों की हत्या किये जाने के मामलों में खतरनाक वृद्धि हो रही है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप किए जाने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई, 2018 को कहा था कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद से अपील की थी कि मॉब लिंचिंग से निपटने के मामलों के लिए अलग से कानून बनाएं। कोर्ट ने कहा था कि लोगों में कानून का डर पैदा होना चाहिए। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि अराजकता की स्थिति में राज्य सरकारों को काम करना होगा। राज्य सरकारों को भीड़ से निपटने और कानून-व्यवस्था का पालन करने के लिए कदम उठाना होगा।