मुंबई । वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के मुख्य आरोपित लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को बरी करने की मांग वाली याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। पुरोहित ने यह कहते हुए अदालत से बरी करने की मांग की थी कि वह एक सैन्य अधिकारी थे। अदालत ने उनकी बात सुनी, लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि बम विस्फोट करना आपका आधिकारिक काम नहीं था।
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने मालेगांव विस्फोट मामले में बरी करने के लिए बाम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की सुनवाई जज एएस गडकरी और जज प्रकाश नाइक की खंडपीठ के समक्ष हुई। कर्नल पुरोहित के वकील ने कोर्ट को बताया कि मुकदमा चलाने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 197 (2) के तहत भारतीय सेना से अनुमति आवश्यक है और इस मामले में अनुमति नहीं ली गई थी। इसके बाद नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि ऐसी अनुमति की आवश्यकता केवल ड्यूटी के दौरान किए गए कार्यों के लिए होती है। एनआईए ने कहा कि मालेगांव विस्फोट पुरोहित की ड्यूटी का हिस्सा नहीं था। कर्नल पुरोहित ने 2007 में अभिनव भारत नाम से एक संस्था शुरू की थी। इस संगठन ने भारतीय संविधान को स्वीकार नहीं किया, जिसका उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना था। इसके बाद कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की याचिका खारिज कर दी।
दरअसल, 2008 में मालेगांव में मस्जिद के सामने मोटरसाइकिल विस्फोट हुआ था। यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम पर थी। इस बम विस्फोट में छह नागरिकों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कर्नल पुरोहित, भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 2017 में कर्नल पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इसके बाद कर्नल पुरोहित ने बाम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में निर्दोष बरी करने के लिए याचिका दाखिल की थी।
PLEA REJECTED
वाराणसी। अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मामले में सुनवाई से पहले 8 सप्ताह का समय देने की मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को तय की गई है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस भी जारी किया और हिंदू पक्ष की ओर से 29 सितंबर तक ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की अर्जी पर आपत्ति दर्ज कराने को कहा। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, वे शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग के लिए एक आवेदन दाखिल कर रहे हैं।
जैन ने कहा, हम कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम पक्ष कहता है कि यह एक फव्वारा है, हम कहते हैं कि यह एक शिवलिंग है। एक स्वतंत्र जांच के जरिए इसका पता लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, अदालत ने कार्बन डेटिंग के लिए हमारे आवेदन पर एक नोटिस जारी किया और मुस्लिम पक्ष से आपत्ति की मांग की, 29 सितंबर को इस पर आगे की कार्यवाही होगी। आज अदालत ने अगली सुनवाई के लिए मस्जिद समिति द्वारा मांगे गए 8 सप्ताह के समय को खारिज कर दिया । कोर्ट ने आगे हिंदू पक्ष से 16 अभियोजकों को हटाने पर आपत्ति जताई। मामले को 29 सितंबर को अगली सुनवाई के दौरान लाया जाना तय है।