गाजियाबाद। RSS की पत्रिका पांचजन्य से जुड़े एक पत्रकार निशांत आजाद को सिर तन से जुदा की धमकी कुछ दिनों पहले मिली थी। अब पुलिस ने इस मामले में अहम खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस ने बताया है कि 12 सितंबर को निशांत आजाद को जान से मारने की धमकी मिली थी। इनकी शिकायत पर थाना इंदिरापुरम में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। तभी से हमारी सभी टीमें जांच कर रही थी। अब पुलिस ने धमकी देने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया है।
निशांत ने अपनी शिकायत में कहा था कि WhatsApp पर मैसेज और कॉल के जरिए उन्हें धमकी दी गई थी कि वह रिपोर्टिंग करना बंद कर दें। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें और उनके परिवार को जान से मार दिया जाएगा। 13 सितंबर को निशांत ने पुलिस में ये तहरीर दी थी कि एक वर्चुअल नंबर से उन्हें ‘सर तन से जुदा’ की धमकी दी गई है। उस वॉट्सऐप चैट का स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। चैट में उर्दू भाषा में कुछ लिखा गया था। इस पर निशांत ने भेजने वाले की पहचान पूछी थी। जिसके बाद सामने से जवाब आया, ‘इस्लाम के ख़िलाफ़ प्रॉपगैंडा मत करो, इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।’ निशांत ने फिर से पहचान ज़ाहिर करने को कहा थ। इसके बाद आरोपी ने लिखा, ‘गुस्ताख़-ए-नबी की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा! सर तन से जुदा!’
अब इस पूरे मामले का पुलिस ने पर्दाफाश करने के दावा किया है। SP सिटी, गाजियाबाद, ज्ञानेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि आरोपी, निशांत आजाद को करीब 2.5 साल से जानता था। निशांत और आरोपी के बीच करीब 2.5 लाख रुपये का लेन-देन था और निशांत अपना पैसा मांग रहे थे। उधार के पैसों से ध्यान भटकाने के लिए आरोपी ने ऐसा किया था। बहरहाल, अब पुलिस इस मामले में पकड़े गये आरोपी पर कानूनी कार्रवाई करने में जुटी है।
कुछ ही दिनों पहले गाजियाबाद के ही एक चिकित्सक अरविंद वत्स अकेला ने भी दावा किया था कि उन्हें फोन पर सर तन से जुदा की धमकी मिली है। इस मामले में उन्होंने केस भी दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस द्वारा मामले की जांच-पड़ताल में यह पता चला था कि डॉक्टर ने लोकप्रियता पाने के लिए अपने एक परिचित से ऐसा कॉल करवाया था। चिकित्सक अपने ही जाल में फंस गया था। इस मामले में पुलिस ने चिकित्सक पर कार्रवाई की बात भी कही थी।