इस्लामाबाद । पाकिस्तान के संशोधित कर्ज प्रबंधन योजना को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने खारिज करते हुए पाक सैकर को बिजली की की दरें बढ़ाने के निर्देश दिए है।
आईएमएफ ने इससे पहले भी कर्ज लेने और उसके चुकाने के पाकिस्तानी तरीके को गलत बताया था। अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा कि पाकिस्तान बिजली बिल में छूट की सुविधा को खत्म करने के साथ ही बिजली मूल्य में भी बढ़ोतरी प्रति यूनिट 12.50 रुपये तक करे। इन दोनों तरीकों से सरकार को 335 अरब रुपये का लाभ होगा।
आइएमएफ के अधिकारियों का दल पाकिस्तान आकर सोमवार से आर्थिक स्थिति की समीक्षा कर रहा है। यह दल पाकिस्तान को दिए जाने वाले सात अरब डालर के कर्ज में से 1.18 अरब डालर की पहली किस्त देने से पहले स्थितियों का आकलन कर रहा है। समीक्षा के इसी दौर में आइएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार करने के लिए कहा है। पाकिस्तान में इस समय बिजली का मूल्य सात रुपये प्रति यूनिट है। आइएमएफ ने इसे बढ़ाकर 11 रुपये से 12.50 रुपये प्रति यूनिट करने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के अंत तक पाकिस्तान पर कुल 2,113 अरब रुपये का कर्ज हो जाएगा। आइएमएफ इस कर्ज को बढ़ने से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार से कड़े फैसले लेने के कह रहा है। आयात के लिए नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए आइएमएफ की बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
पाकिस्तान में महंगाई रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। 1975 के बाद 48 वर्षों में पहली बार देश में महंगाई 27.55 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस दौरान रोजमर्रा की जरूरत की कुछ वस्तुओं की कीमत दो गुना तक हो गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमत ढाई सौ रुपये के पार चली गई है। गुरुवार को अमेरिकी डालर और महंगा होकर 272 रुपये के करीब पहुंच गया।
pak financial crisis
इस्लामाबाद । एक प्रमुख फाइनेंशियल अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान को हाल ही में आई बाढ़ और देश के वित्तीय संकट के बाद अंतरराष्ट्रीय ऋण चुकौती तथा लेनदारों के साथ ऋण चुकाना स्थगित करना और इसका पुनर्गठन करना चाहिए।
फाइनेंशियल टाइम्स ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र नीति ज्ञापन का हवाला देते हुए इस प्रकार का रिपोर्ट किया। रिपोर्ट में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम इस सप्ताह सरकार के साथ एक ज्ञापन साझा करेगा। इस ज्ञापन में कहा गया है कि देश के लेनदारों को ऋण राहत पर विचार करना चाहिए ताकि नीति निर्माता ऋण चुकौती पर अपनी आपदा प्रतिक्रिया के वित्तपोषण को प्राथमिकता दे सकें।
पाकिस्तान ने इससे पहले बाढ़ के कारण 30 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया है। पाकिस्तान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस दोनों ने जलवायु परिवर्तन के लिए बाढ़ को जिम्मेदार ठहराया है।
बाढ़ ने 3.3 करोड़ पाकिस्तानियों को प्रभावित किया है, अरबों डॉलर की क्षति हुई है और 1,500 से अधिक लोग मारे गए हैं। इतने बड़े पैमाने पर हुई क्षति के बाद यह चिंता पैदा कर रहा है कि पाकिस्तान कर्ज नहीं चुका पाएगा।
हाल ही में पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने महासभा की उच्च-स्तरीय बहस के उद्घाटन के दिन के लिए एकत्रित विश्व नेताओं को एक जोरदार संबोधन दिया।
श्री गुटेरेस ने अपनी यात्रा के दौरान पहली बार की गई अपील को दोहराया जहां उन्होंने उधारदाताओं से उन देशों की मदद करने के लिए ऋण में कमी पर विचार करने का आग्रह किया जो संभावित आर्थिक पतन का सामना कर रहे हैं।