इस्लामाबाद । पाकिस्तान के मियांवाली में सेना के एयरबेस पर शनिवार सुबह हमला करने वाले सभी नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकवादियों के खात्मे के लिए शुरू किया गया अभियान इसी के साथ खत्म हो गया। पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने एयरबेस में घुस रहे तीन आतंकवादियों को गेट के कुछ आगे मारकर पूरे इलाके को घेर लिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकियों ने हमले में तीन ग्राउंडेड लड़ाकू विमान और एक ईंधन टैंकर को नष्ट कर दिया था। इस बीच इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कहा है कि सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान वायुसेना के मियांवाली ट्रेनिंग एयरबेस पर आतंकी हमले को विफल कर सभी नौ दहशतगर्दों को मार गिराया। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने कहा कि सुरक्षाबलों ने एक बार फिर आतंकवादी हमले को विफल करके अपनी क्षमता साबित की है। पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि आतंकवाद को हराने के लिए हमारी सेनाएं सतर्क और एकजुट हैं।
PAK ARMY
इस्लामाबाद । पाकिस्तान सेना ने सोमवार को एक लेफ्टिनेंट समेत अपने तीन अफसरों को बर्खास्त कर दिया है और तीन मेजर जनरल और सात ब्रिगेडियर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
पाकिस्तानी सेना के अनुसार इन अधिकारियों पर सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने में विफल होने का आरोप है। ज्ञात रहे कि गत नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान हुआ था।
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोडफ़ोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था।
सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अरशद शरीफ ने बताया कि सेना ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में दो बार जांच कराई और कार्रवाई की। उन्होंने बताया, जवाबदेही प्रक्रिया पर विचार-विमर्श करने और अदालती जांच ध्यान में रखते हुए, उन लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई, जो सैन्य प्रतिष्ठानों, जिन्ना हाउस और सामान्य मुख्यालय की सुरक्षा और सम्मान को बरकरार रखने में नाकाम रहे।
शरीफ ने बताया कि एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया गया है और तीन मेजर जनरल और सात ब्रिगेडियर सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी कर ली गई है।
अधिकारियों की पहचान का विवरण दिए बिना मेजर जनरल शरीफ ने कहा कि सेना द्वारा की गई कार्रवाई से पता चलता है कि सेना के भीतर सख्त आत्म-जवाबदेही की व्यवस्था है और पद की परवाह किए बिना कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना में रैंक या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना, कोई भेदभाव किए बगैर जवाबदेही तय की जाती है।
उन्होंने बताया कि जांच मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों द्वारा की गई। शरीफ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, (नौ मई की हिंसा में) शामिल सभी लोगों को संविधान और कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले से ही 17 स्थाई सैन्य अदालतें काम कर रही हैं जहां 9 मई की हिंसा में शामिल 102 उपद्रवियों पर मुकदमा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सबूत देखने के बाद उनके मामलों को सिविल अदालतों में स्थानांतरित कर दिया गया।
इस्लामाबाद । इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से चल रहे हंगामे के बीच पाकिस्तानी सेना ने लोकतंत्र में विश्वास का दावा किया है। साथ ही मार्शल लॉ लगाए जाने से साफ इनकार किया।
पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से ही पूरे देश में घमासान मचा है। देश भर में हुई हिंसा व आगजनी में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोगों पर मुकदमे दर्ज किये गए हैं। आंदोलित लोगों के निशाने पर सेना है और रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय व लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर भी हमला किया गया। ऐसे में पाकिस्तान में मार्शल लॉ लगाए जाने की चर्चा भी तेजी से हो रही थी। इस बीच सेना ने ऐसी किसी भी चर्चा को खारिज कर दिया है।
पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि सेना लोकतंत्र का समर्थन करती है और आगे भी करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और सेना के बड़े-बड़े अधिकारी भी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। उन्होंने पाकिस्तान में चल रही अराजकता के कारण सेना के अधिकारियों के इस्तीफा देने की खबरों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कई लोग अराजकता की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इन दुश्मनों के सभी प्रयासों के बावजूद सेना एकजुट होकर काम कर रही है। न तो किसी सेना के अधिकारी ने इस्तीफा दिया है और न ही किसी आदेश की अवहेलना की है।
पेशावर । एक और आतंकी हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। अफगानिस्तान से सटी पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादियों ने हमला करके पाक सुरक्षा चौकी पर तैनात दो सैन्य अफसरों को मौत के घाट उतर दिया। पाक सेना ने आसपास के इलाके में कॉम्बिंग शुरू कर दी है लेकिन अभी तक कोई हमलावर पकड़ में नहीं आया है।
पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, उत्तरी वजीरिस्तान जिले के स्पिनवाम क्षेत्र में हथियारबंद लोगों ने सुरक्षा जांच चौकी पर गोलीबारी की। पाकिस्तानी सेना के जवाबी हमले में दो हमलावर मारे गए, जबकि दो अन्य को गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया। हमलावरों को खदेड़ने के लिए इलाके में तलाशी की जा रही है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। हालांकि इस हमले की किसी आतंकवादी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से हथियारबंद लड़ाकों के हमले की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। पाकिस्तान फिलहाल अशांति की चपेट में है और देश में हिंसा की ज्यादातर घटनाएं खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हो रही हैं। हालांकि बलूचिस्तान, पंजाब और सिंध प्रांत भी हिंसा के चपेट में हैं।
देश में मस्जिदें भी हमलावरों से सुरक्षित नहीं हैं। 30 जनवरी को टीटीपी के एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया। इस हमले में 101 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। मरने वालों में अधिकतर पुलिस कर्मी शामिल थे।
पेशावर (पाकिस्तान)। वजीरिस्तान प्रांत के वाना इलाके में सुरक्षाबलों ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कमांडर सहित 11 आतंकवादियों को मार गिराया।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने गुरुवार शाम जारी बयान में कहा है कि आतंकवाद विरोधी अभियान के कारण बड़ी आतंकवादी गतिविधि को विफलव कर दिया गया। मारे गए आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
सीटीडी से पाकिस्तानी सेना ने 50 घंटे बाद छुड़ाया कब्जा, सेना ने 33 आतंकी मार गिराए , 2 जवानों की भी जान गयी
इस्लामाबाद । पाकिस्तान के पख्तूनखवा में स्थित बन्नू काउंटर टेररिज्म सेंटर (सीटीडी) में पाकिस्तानी सेना के हमले में 33 आतंकी मारे गए हैं। इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप के 2 कमांडो भी मारे गए हैं। इसी के साथ ही पाकिस्तान की सेना ने सीटीडी में बंधक बनाए गए सभी अफसरों को रिहा करवा लिया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को नेशनल असेंबली को अपनी ब्रीफिंग में बताया कि खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू में आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के परिसर को तीन दिनों के बाद खाली करा लिया गया। सुरक्षा गार्डों पर हावी होने वाले सभी 33 आतंकवादी इस अभियान में मारे गए। आसिफ ने कहा, “दोपहर ढाई बजे तक एसएसजी ने परिसर को खाली करा लिया था। सभी बंधकों को मुक्त करा लिया गया है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आतंकवादी एक समूह का हिस्सा नहीं थे, बल्कि वे विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि परिसर के अंदर 33 गिरफ्तार आतंकवादी थे और उनमें से एक ने केंद्र में तैनात एक पुलिस कर्मी को कब्जे में लेकर उसका हथियार छीन लिया और बाद में आतंकवादियों ने केंद्र पर कब्जा कर लिया। इस घटना में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (पाकिस्तान (टीटीपी)) से जुड़े आतंकवादी शामिल थे। गतिरोध समाप्त करने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने उग्रवादी समूह के नेतृत्व के साथ बातचीत शुरू की।
सूत्रों ने पहले जियो न्यूज को बताया था कि आतंकवादी अफगानिस्तान के लिए सुरक्षित हवाई मार्ग की मांग कर रहे थे।” इस घटना का दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष यह है कि आतंकवाद एक बार फिर सिर उठा रहा है, खासकर केपी और बलूचिस्तान में। अन्य प्रांतों में भी घटनाएं हुई हैं लेकिन इन दोनों प्रांतों में हमने स्पष्ट सबूत देखे हैं।”
रक्षा मंत्री ने उल्लेख किया कि सीटीडी की देखरेख करने वाली प्रांतीय सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में “पूरी तरह विफल” रही है। उन्होंने कहा, “पूरी प्रांतीय सरकार जमान पार्क में इमरान खान की बंधक थी। दूसरी ओर केपी में निर्दोष लोगों को (आतंकवादियों द्वारा) बंधक बना लिया गया था।” आसिफ ने कहा कि जब केपी में बाढ़ आई, तब भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाली सरकार बार-बार उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रही है।
पेशावर (पाकिस्तान), । सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के अशांत उत्तर पश्चिम क्षेत्र में एक वांटेड आतंकवादी कमांडर मुहम्मद नूर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस आतंकवादी का पाकिस्तान में दर्जनों जघन्य वारदात में हाथ रहा है। पाकिस्तानी सेना ने मीडिया को यह जानकारी यहां दी।
सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि दो दिसंबर को उत्तरी वजीरिस्तान के शेवा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ आतंकवादी कमांडर मुहम्मद नूर उर्फ सरकई मारा गया। पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के खिलाफ कई आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, अपहरण और फिरौती के अनेक मामलों में शामिल नूर की आतंकवाद विरोधी विभाग को तलाश थी।
आईएसपीआर ने कहा- ‘‘जबरदस्त गोलीबारी के दौरान कुख्यात आतंकवादी कमांडर मुहम्मद नूर उर्फ सरकई मारा गया। उसके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं।’’ पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिण वजीरिस्तान जिले में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में पाकिस्तानी सेना का एक जवान शहीद हो गया था।
इस्लामाबाद । पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस दर्दनाक हादसे में पाकिस्तानी सेना के दो मेजर समेत 6 जवानों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना कल देर रात हरनाई जिले के खोस्त शहर के पास हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, हेलीकॉप्टर में दो पायलट भी सवार थे, जो अपनी जान बचाने में कामयाब हुए।
हादसे में मरने वालों में दोनों मेजर की पहचान 39 वर्षीय मेजर खुर्रम शहजाद और 30 साल के मेजर मुहम्मद मुनीब अफजल के रूप में हुई है। इसके अलावा 44 वर्षीय सूबेदार अब्दुल वाहिद, 27 वर्षीय सिपाही मुहम्मद इमरान खान, 30 वर्षीय नायक जलील और 35 वर्षीय सिपाही शोएब मृतकों में शामिल हैं।
इससे पहले अगस्त में भी एक पाकिस्तानी सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में भी सेना के छह जवानों की मौत हुई थी। जानकारी के मुताबिक, उड़ान भरते-भरते यह हेलीकॉप्टर अचानक से लापता हो गया था। एक दिन बाद यह मूसा गोथ, विंडार, लासबेला में मिला था। यह शाम करीब साढ़े पांच बजे क्वेटा से कराची जाते समय लापता हो गया था।